अपने ही एमएलसी की सदस्यता रद्द कराने पर क्यों अड़ी आरजेडी..? सभापति देवेशचंद्र ठाकुर को लिखा पत्र
बिहार में खरमास खत्म होते ही राजनीति शुरु हो चुकी है, आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारे में जहां गरमी बढ़ी हुई है, वहीं प्रदेश में नौकरियां बांटकर नीतीश के साथ-साथ आरजेडी भी अपनी बांह पूजवाने में लगी हुई है..
PATNA: बिहार में खरमास खत्म होते ही राजनीति शुरु हो चुकी है, आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारे में जहां गरमी बढ़ी हुई है, वहीं प्रदेश में नौकरियां बांटकर नीतीश के साथ-साथ आरजेडी भी अपनी बांह पूजवाने में लगी हुई है। इन्हीं सबके बीच राज्य के राजनीतिक हलकों से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है, जहां आरजेडी ने अपने ही एमएलसी रामबली चंद्रवंशी की विधान परिषद की सदस्यता रद्द करने को सभापति देवेशचंद्र ठाकुर को पत्र लिखा है। आरजेडी एमएलसी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
अब ये मामला सभापति के अधीन है। और जानकारी के मुताबिक आज रामबली चंद्रवंशी की विधान परिषद की सदस्यता का फैसला हो सकता है कि वो बरकरार रहेगी या फिर जाएगी। दरअसल रामबली चंद्रवंशी राज्य सरकार द्वारा आरक्षण संशोधन अधिनियम पारित किए जाने के बाद से लगातार अति पिछड़ा वर्ग की तमाम जातियों के अधिकार को लेकर आवाज उठा रहे हैं। और सार्वजनिक मंच से जातीय सर्वे पर सवाल खड़े किए थे।
प्रो. रामबली की इन्ही गतिविधियों को लेकर राजद ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जिसका स्पष्टीकरण देते हुए रामबली चंद्रवंशी कह चुके हैं कि उनके सवालों का समाधान करने के बजाय दूसरी दिशा में मोड़ दिया। लेकिन अति पिछड़ों की लड़ाई लड़ता रहूंगा। आरजेडी राम मनोहर लोहिया से लेकर कर्पूरी ठाकुर तक के विचारों के आधार पर बनी थी। इसलिए वो समाज हित में आवाज उठाते रहेंगे। फिर चाहे पार्टी इसे विरोध ही क्यों न समझे।