रेलवे मे नौकरी देने के बदले जमीन और फ्लैट रजिस्ट्री कराने के मामले में लालू परिवार को कोर्ट ने दी बड़ी राहत ...
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया. ईडी का कहना था कि अगर इनको जमानत दिया जाता है तो जांच को ये लोग प्रभावित कर सकते हैं. जिसे लेकर कोर्ट ने कहा कि, इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है. ऐसे में नहीं लगता कि ये लोग जांच को प्रभावित कर पाएंगे. अगर आरोपियों की तरफ से इस तरह का कोई काम किया जाता है तो उनकी जमानत को तुरंत रद्द कर दिया जाएगा.
DELHI: रेलवे मे नौकरी देने के बदले जमीन और फ्लैट रजिस्ट्री कराने के मामले में लालू परिवार को कोर्ट द्वारा बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और हृद्यानंद चौधरी के नियमित जमानत दे दिया हैं.
बता दें, राउज एवेन्यू कोर्ट ने राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृद्यानंद चौधरी को शर्तों के साथ एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दी है. कोर्ट ने कहा कि, जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, इसलिए आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने की कोई वजह नजर नहीं आती है. ऐसे में आरोपियों को नियमित जमानत दी जाती है. साथ ही इसी मामले में कोर्ट ने कारोबारी अमित कात्याल की अंतरिम जमानत को पांच मार्च तक बढ़ा दिया है.
वही, कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया. ईडी का कहना था कि अगर इनको जमानत दिया जाता है तो जांच को ये लोग प्रभावित कर सकते हैं. जिसे लेकर कोर्ट ने कहा कि, इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है. ऐसे में नहीं लगता कि ये लोग जांच को प्रभावित कर पाएंगे. अगर आरोपियों की तरफ से इस तरह का कोई काम किया जाता है तो उनकी जमानत को तुरंत रद्द कर दिया जाएगा.
मालूम हो, कोर्ट ने तमाम आरोपियों के पासपोर्ट को सरेंडर करने का आदेश देते हुए कहा कि, बिना कोर्ट की जानकारी के तमाम आरोपी देश से बाहर नहीं जा सकते हैं. इस दौरान ईडी ने संकेत दिए कि वह जल्द ही इस मामले में एक नया चार्जशीट दाखिल करने वाली है. हालांकि, इस मामले में न तो लालू प्रसाद और ना ही तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है लेकिन ईडी के अगले चार्जशीट में इन्हें भी आरोपी बनाया जाता है.
गौरतलब हो, 9 फरवरी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार को राहत देते हुए एक लाख के बेल बॉंड पर राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, अमित कात्याल, हृदयानंद चौधरी को अंतरिम जमानत दे दी थी. कोर्ट में आरोपियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने इसका विरोध किया था और रेगुलर बेल के खिलाफ जवाब दाखिल करने की बात कही थी. ईडी ने कहा था कि मामले की जांच चल रही है ऐसे में इन्हें रेगुलर बेल नहीं दी जानी चाहिए.