मुख्यमंत्री नीतीश ने बुलाई विधानमंडल दल की बैठक, पार्टी के सभी MLA-MLC को पटना बुलाकर देंगे आवश्यक दिशा-निर्देश
जब से बिहार में एनडीए की सरकार बनी हैं तब से राजद और कांग्रेस लगातार दावा कर रहे हैं कि नीतीश सरकार फ्लोर टेस्ट में सफल नहीं हो सकेगी. इधर, कांग्रेस ने पार्टी में टूट के डर से अपने सभी विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है तो भाजपा फ्लोर टेस्ट से पहले अपने विधायकों को बोधगया शिफ्ट करने जा रही है और जदयू ने भी अपने विधायकों को एकजुट रखने की तैयारी करना शुरू कर दिया हैं.
PATNA: नीतीश कुमार की नवगठित एनडीए सरकार को आगामी 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में बड़े खेल के दावे किए जा रहे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक बुला ली है. इस बैठक में पार्टी के तमाम विधायक और विधान पार्षद को मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है.
बता दें, जब से बिहार में एनडीए की सरकार बनी हैं तब से राजद और कांग्रेस लगातार दावा कर रहे हैं कि नीतीश सरकार फ्लोर टेस्ट में सफल नहीं हो सकेगी. इधर, कांग्रेस ने पार्टी में टूट के डर से अपने सभी विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है तो भाजपा फ्लोर टेस्ट से पहले अपने विधायकों को बोधगया शिफ्ट करने जा रही है और जदयू ने भी अपने विधायकों को एकजुट रखने की तैयारी करना शुरू कर दिया हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले जदयू विधानमंडल दल की बैठक बुला ली है. पार्टी के सभी विधायक और विधान पार्षद को बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया गया है. वही, आगामी 11 फरवरी को मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर विधानमंडल दल की बैठक आयोजित की जाएगी. जिसमें फ्लोर टेस्ट और और बजट सत्र को लेकर मुख्यमंत्री विधायकों को आवश्यक दिशा निर्देश देंगे.
मालूम हो, बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही फ्लोर टेस्ट के दिन बड़े खेला की बात कही जा रही है. सत्ता में बैठे दल को बखूबी पता हैं की बिहार की राजनीती के धुरंधर लालू प्रसाद चुप बैठने वाले नहीं हैं. ऐसे में संभावित खेला से सत्ताधारी दल सहमें हुए हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट से पहले अपने विधायकों को प्रशिक्षण देने के बहाने बोधगया शिफ्ट कर रही है तो दूसरी ओर जदयू भी अपने विधायकों को एकजुट रखने में लगी हुई हैं.