अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष पर डॉ. नीतू नवगीत ने बांधा समां, लोकगीतों से गुंजायमान हुआ कारीगरी हाट

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में आम्रपाली संस्था द्वारा गांधी मैदान में आयोजित कारीगरी हाट रविवार की संध्या बिहार के लोकगीतों से गुंजायमान रही। सांस्कृतिक संध्या में बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने बिहार के पारंपरिक गीतों के माध्यम से ऐसा समां बांधा कि लोग घंटों लोकगीतों का आनंद उठाते रहे।

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष पर डॉ. नीतू नवगीत ने बांधा समां, लोकगीतों से गुंजायमान हुआ कारीगरी हाट
Image Slider
Image Slider
Image Slider

PATNA : अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में आम्रपाली संस्था द्वारा गांधी मैदान में आयोजित कारीगरी हाट रविवार की संध्या बिहार के लोकगीतों से गुंजायमान रही। सांस्कृतिक संध्या में बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने बिहार के पारंपरिक गीतों के माध्यम से ऐसा समां बांधा कि लोग घंटों लोकगीतों का आनंद उठाते रहे।

 कार्यक्रम का उद्घाटन कारीगरी हाट की आयोजक अर्चना सिंह, नाबार्ड के सेवानिवृत महाप्रबंधक अवधेश कुमार, सेक्शन ऑफिसर जैकी आदि ने किया। इसमें नेशनल जूट बोर्ड, एनसीडीसी, डब्लूडीसी नई दिल्ली, बिहार डेयरी एवं मत्स्य और पशुपालन अनुसंधान संस्थान बिहार की सहभागिता मुख्य रूप से रही।

 कारीगरी हाट-2025 में बिहार के पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति सर्वप्रथम गणेश जी का स्मरण किया गया। डॉ. नीतू नवगीत ने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की। घर में पधारो गजानन जी.. के बाद बहुत सारे लोकगीतों की प्रस्तुति हुई । बिहार की चर्चित लोक गायिका सह नमामि गंगे की ब्रांड एम्बेसडर डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने ..राम जी से पूछे जनकपुर की नारी, पटना से बैदा बुलाई द, सिया जी बहिनियां हमार हो, बिहार गौरव गान, कैसे खेले जईबू सावन में कजरिया, सामा चकेवा पर आधारित गीत, मांगिला हम वरदान हे गंगा मइया, कहे तोसे सजना, कजरा मुहब्बत वाला, पनिया के जहाज जैसे गीत गाकर श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया ।

राजेश केशरी ने ओढ़नी के रंग पीयर एवं कुछ फिल्मी गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर गर संजय मिश्रा ने कैशियो, अशोक कुमार ने बैंजो, प्रिंस कुमार ने पैड और अमरनाथ ने ढोलक पर संगत किया।