मुख्यमंत्री ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में किया झंडोत्तोलन, प्रदेशवासियों को किया संबोधित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के पश्चात् 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन किया। इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, मैं समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। आज का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए गौरव का दिन है। राष्ट्रभक्तों के साहस, त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आज के दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते है जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी। उनके उच्च आदर्श आज भी हम सबों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के पश्चात् 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन किया। इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, मैं समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। आज का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए गौरव का दिन है। राष्ट्रभक्तों के साहस, त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आज के दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते है जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी। उनके उच्च आदर्श आज भी हम सबों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जो बहादुरी से देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश की रक्षा करनेवाले भारतीय सेना का हम अभिनन्दन करते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी। बिहार के लोगों ने हमेशा राष्ट्रनिर्माण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है और देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब जानते हैं कि 24 नवंबर, वर्ष 2005 को हमारी सरकार बनी थी, सर्वप्रथम राज्य में कानून-व्यवस्था को ठीक किया गया। राज्य में कानून का राज बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार द्वारा अपराध नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था संधारण के लिए सभी आयामों पर योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया है। वर्ष 2005 में बिहार में पुलिस बल की संख्या मात्र 42 हजार 481 थी, जो जरूरत के हिसाब से बहुत कम थी। शुरू से ही पुलिस बल की संख्या को बढ़ाने पर जोर दिया गया और वर्ष 2022 में पुलिस की संख्या बढ़कर 1 लाख 10 हजार हो गयी है।
फिर वर्ष 2023 में पुलिस बल की संख्या को बढ़ाकर 2 लाख 29 हजार तय किया गया। अब पुलिस बल की संख्या 1 लाख 31 हजार हो गयी है और नियुक्ति तेजी से जारी है। पुलिस को बड़ी संख्या में वाहन एवं हथियार उपलब्ध कराये गये हैं ताकि उन्हें विधि-व्यवस्था बनाये रखने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2005 की तुलना में हत्या, डकैती, लूट एवं फिरौती हेतु अपहरण की घटनाओं में बहुत कमी आयी है। अब किसी प्रकार के डर एवं भय का वातावरण नहीं है। लोग देर रात तक बाजार-हाट का काम कर रहे हैं। लोग बिना डर भय के हर जगह आवाजाही कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है। पहले बहुत कम स्कूल थे और शिक्षकों की काफी कमी थी जिसके कारण स्कूलों में ठीक से पढ़ाई नहीं होती थी। बड़ी संख्या में नये स्कूल खोले गये और नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई। शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु लड़के-लड़कियों के लिए पोशाक एवं साईकिल योजना चलायी गयी। सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गये। लड़कियों को बारहवीं पास करने पर 25 हजार रुपये तथा ग्रेजुएट पास होने पर 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। अब लड़कियां भी खूब पढ़ रही हैं और स्कूलों में लड़के और लड़कियों की संख्या लगभग बराबर हो गयी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 से बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 2 लाख 58 हजार सरकारी शिक्षकों की बहाली की गयी है। वर्ष 2006 से स्थानीय निकायों के माध्यम से 3 लाख 68 हजार नियोजित शिक्षक बनें, जिसमें से बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 28 हजार 976 सरकारी शिक्षक बन गये और 3 लाख 39 हजार 24 नियोजित शिक्षक शेष बचे। फिर सरकार ने तय किया कि नियोजित शिक्षको को बी०पी०एस०सी० की परीक्षा देने की जरूरत नहीं है. उन्हें मामूली सी परीक्षा लेकर, सरकारी शिक्षक बनाया जाय। इसके लिए उन्हें 5 मौके तय किये गये। अब तक 2 परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है। जिसमें 2 लाख 54 हजार नियोजित शिक्षक पास हो गये हैं। अब केवल 85 हजार शेष बच गये हैं। हाल ही में तीसरी परीक्षा का आयोजन हो गया है, उसका रिजल्ट नहीं आया है। इसके बाद 2 मौके और दिये जायेंगे। अब कुल मिलाकर सरकारी शिक्षकों की संख्या 5 लाख 12 हजार हो गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरू से ही सभी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया है। पहले स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ईलाज के लिए प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानी प्रतिदिन एक या दो मरीज आते थे। वर्ष 2006 से अस्पतालों में मुफ्त दवा और ईलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हर महीने औसतन 11 हजार 600 मरीज आते है। उन्होंने कहा कि पहले मात्र 6 मेडिकल कॉलेज थे जिनकी संख्या अब 12 हो गयी है तथा 21 जिलों में नये मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं, बचे 7 जिलों में भी मेडिकल कॉलेज बनाये जायेंगे। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को 5 हजार 400 बेड तथा अन्य 5 पुराने मेडिकल कॉलेज को 2500 बेड का किया जा रहा है। साथ ही आईजीआईएमएस को 3 हजार बेड का बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सड़कों, पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। राज्य के सुदूर क्षेत्रों से 6 घंटे में पटना पहुँचने के लक्ष्य को वर्ष 2016 में पूरा कर लिया गया। अब राज्य में बड़ी संख्या में सड़कों एवं पुल-पुलियों, रेल ओवर ब्रिज, बाईपास एवं एलिवेटेड रोड का निर्माण किया गया है जिससे लगभग 5 घंटे में सबसे दूर वाले क्षेत्र से पटना पहुँचना संभव हुआ है। इसे और बेहतर करने का प्रयास जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में सात निश्चय के तहत हर घर तक बिजली, हर घर नल का जल, हर घर शौचालय तथा टोलों को पक्की सड़कों से जोड़ने का काम पूरा हो गया है। जो नयी बसावटें एवं घर बन गये हैं उनमें ये काम कुछ ही दिनों में पूरा करा लिया जायेगा। वर्ष 2020 से सात निश्चय-2 के तहत सभी योजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें-ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट, हर खेत तक सिंचाई का पानी, टेलीमेडिसिन, बाल हृदय योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की सरकार द्वारा युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। शुरू में 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी। फिर वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख नौकरी एवं 10 लाख रोजगार देना तय किया गया। बाद में इसे बढ़ाकर तय किया गया कि 10 लाख नौकरी की जगह 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी तथा 10 लाख रोजगार की जगह 38 लाख रोजगार दे दिया जायेगा। यानि अब तक कुल मिलाकर 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर लगातार काम कर रही है और वर्तमान तक लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। जहां तक रोजगार की बात है 39 लाख लोगों को रोजगार दे दिया जा चुका है। बिहार विधान सभा चुनाव से पहले ही 50 लाख से अधिक सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देना तय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरुआत की गयी। अब तक चार चुनाव हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलायें चुनकर आ रही हैं। वर्ष 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। अब बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे 'जीविका' नाम दिया। उन्होंने कहा कि अब स्वयं सहायता समूह की संख्या लगभग 11 लाख हो गयी है जिसमें 'जीविका दीदियों' की संख्या 1 करोड़ 40 लाख हो गयी है। वर्ष 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन हो रहा है जिनकी संख्या 37 हजार हो गयी है जिसमें लगभग 3 लाख 85 हजार जीविका दीदियों है। इनका गठन लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हिन्दू-मुस्लिम झगड़ा होता था। अब कोई झगड़ा झंझट नहीं होता है। वर्ष 2006 से ही कब्रिस्तान की घेराबंदी शुरू की गयी है। बड़े पैमाने पर कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है। वर्ष 2016 से 60 वर्ष से पुराने हिन्दू मंदिरों की घेराबंदी की जा रही है जिससे चोरी आदि की घटनायें नहीं होती है। सरकार ने शुरू से ही सभी तबकों का विकास किया है। चाहे हिन्दू हो, मुस्लिम हो, अपर कास्ट हो, पिछड़ा हो, अति पिछड़ा हो, दलित हो, महादलित हो सभी के लिए काम किया गया है। मुस्लिम समुदाय के लिए भी हमने काफी काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गयी है एवं उनके शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में जाति आधारित गणना करायी जिसमें लोगों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी ली गयी है। इसमें 94 लाख गरीब परिवार पाये गये जिसमें अपर कास्ट, पिछडा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित एवं मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं। इनके रोजगार हेतु 2 लाख रुपये की दर से सहायता देना शुरू किया और इस सहायता को 5 वर्षों में सभी लोगों को देना था, अब तय कर दिया है कि इन सभी परिवारों को एक साथ सहायता दी जायेगी, जिसके लिए उच्च स्तरीय समिति बनायी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का विकास तेजी से हो रहा है और आगे भी इसी प्रकार होता रहेगा। वर्ष 2024 के दिसम्बर एवं 2025 के जनवरी-फरवरी माह में मैंने प्रगति यात्रा के दौरान सभी जिलों में जाकर विकास कार्यों को देखा और जो कमी रही उसे पूरा करने के लिए 430 नयी योजनाओं की स्वीकृति दी है जिन पर 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इन सभी योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में सरकार ने कुछ नये कदम उठाये हैं जिससे सभी को काफी फायदा होगा। गांवों में शादी समारोह आयोजित करने के लिए सही जगह उपलब्ध नहीं रहती है, इसे देखते हुये सरकार सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण करायेगी। इस पर 4 हजार 26 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जायेगी। इससे गरीबों को काफी कायदा होगा। जीविका दीदियों को बैंकों से ऋण के ब्याज को 10 से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। जीविका के सभी कर्मियों को मिलनेवाली राशि को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है।
अब प्रखंड स्तर तक 'दीदी की रसोई' का संचालन किया जायेगा। इसमें मिलनेवाले खाने की कीमत 40 रुपये को घटाकर 20 कर दिया गया है। पंचायत के सभी प्रतिनिधियों को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर डेढ़ गुणा किया गया है। सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 कर दिया गया है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को कायदा होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में हर घर बिजली पहुंचा दी गयी। सरकार द्वारा शुरू से ही बहुत सस्ती दर पर बिजली दी गयी है। अब लगभग सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली मुफ्त दी जा रही है। सरकार की तरफ से सभी इच्छुक लोगों के घरों पर सोलर लगाये जायेंगे। इससे सभी को बहुत फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने नई घोषणायें करते हुये कहा कि राज्य में नौकरी के लिए आयोजित होने वाली प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क को घटाकर मात्र 100 रुपये कर दिया जायेगा तथा मुख्य परीक्षा में कोई परीक्षा शुल्क नहीं लिया जायेगा। बिहार में नये उद्योग लगाने के लिए विशेष सहायता दी जायेगी जिसमें कैपिटल सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी तथा जीएसटी के लिए दिये जानेवाले प्रोत्साहन राशि को दोगुना किया जायेगा। उद्योग लगाने के लिए सभी जिलों में जमीन की व्यवस्था की जायेगी तथा ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों को मुफ्त में जमीन दी जायेगी।
उद्योग लगाने हेतु आवंटित भूमि से संबंधित विवादों को समाप्त किया जायेगा। यह सुविधा अगले 6 महीने में उद्योग लगानेवालों को दी जायेगी। राज्य के 7 जिलों क्रमशः किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर लखीसराय, शेखपुरा एवं अरवल में नये मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोले जायेंगे। बिहार से बाहर रहनेवाले लोगों को दिवाली, छठ, होली के मौकों पर दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़ आदि शहरों से अपने घर आने के लिए राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में बसें चलायी जायेंगी ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो। साथ ही पर्याप्त संख्या में विशेष ट्रेन चलाने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से बिहार का बजट लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2005-06 में नयी सरकार बनने के समय राज्य का बजट मात्र 28 हजार करोड़ रुपये ही था जिसे वर्ष 2006-07 में बढ़ाकर 34 हजार करोड़ रुपये किया गया और यह बढ़ते-बढ़ते अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। जुलाई, 2024 के बजट में बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के रूप में सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य पर्यटन, बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी राशि देने की घोषणा की गयी थी।
फरवरी, 2025 के बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना, ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता, राष्ट्रीय स्तर के खाद्य प्रसंस्करण संस्थान की स्थापना एवं पटना आईआईटी के विस्तार की घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 से देश के 6 राज्यों में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया गया। इस वर्ष खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के आयोजन का जिम्मा बिहार को मिला जो गौरव की बात है। हम बताना चाहते हैं कि इन खेलों का आयोजन बहुत अच्छे से किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराने का निर्णय लिया है, जो बहुत ही अच्छा काम है। इन सबके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हैं और उनको धन्यवाद देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का माहौल कायम रहे। सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारा अतीत गौरवशाली और विरासत समृद्ध है। हम उसी ऊँचाई को फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। आइये, स्वतंत्रता दिवस के शुभअवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि बिहार को एक खुशहाल राज्य के रूप में विकसित करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करेंगे। इस अवसर पर एक बार पुनः सभी बिहारवासियों को शुभकामनाएँ देता हूं।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर 13 विभागों बिहार अग्निशमन सेवा, उद्योग विभाग, खेल विभाग, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, कृषि विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, समाज कल्याण विभाग, विधि विभाग, शिक्षा विभाग, जीविका, श्रम संसाधन विभाग, पंचायती राज विभाग एवं ऊर्जा विभाग द्वारा झांकियां निकाली गईं। इसमें शिक्षा विभाग के अन्तर्गत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। निदेशालय, बिहार अग्निशमन सेवा को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ जबकि कृषि विभाग के अन्तर्गत कृषि निदेशालय को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।