एससी-एसटी के लिए डीजीपी ने की ये बड़ी घोषणा, कहा-न्याय दिलाना सरकार की प्रतिबद्धता
एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियमों के प्रावधानों से संबंधित मामलों को लेकर पटना के बेली रोड स्थित सरदार पटेल भवन पुलिस मुख्यालय में बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान बिहार डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि 1995 में बिहार के 10 जिलों में एससी-एसटी थाने को क्रियाशील किया गया था। वहीं, वर्ष 2013 में शेष 30 जिलों को चिन्हित कर एससी-एसटी थाने को सृजित कर क्रियाशील किया गया।

PATNA : एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियमों के प्रावधानों से संबंधित मामलों को लेकर पटना के बेली रोड स्थित सरदार पटेल भवन पुलिस मुख्यालय में बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान बिहार डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि बिहार में पूर्व सृजित सीआईडी को अनुश्रवण कोषांग के नाम से जानते हैं। सीआईडी के तहत एससी-एसटी थाने में गंभीर मामले का अनुश्रवण किया जाता है।1995 में बिहार के 10 जिलों में एससी-एसटी थाने को क्रियाशील किया गया था। वहीं, वर्ष 2013 में शेष 30 जिलों को चिन्हित कर एससी-एसटी थाने को सृजित कर क्रियाशील किया गया।
आज के समय में कोई ऐसा जिला नहीं बचा है जहां एससी-एसटी के लिए अत्याधुनिक थाना नहीं बना है। ये राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का स्वरूप है, जिसमें बिहार में 40 एससी-एसटी थाने क्रियाशील हैं । जल्द बाकी निर्माणाधीन एससी-एसटी थाने क्रियाशील हो जाएंगे। डीजीपी ने बताया कि सोशल जस्टिस एंड इंपावरमेंट मिनिस्ट्री केन्द्व सरकार के वेबसाइट पर देखेंगे तो देश भर में 140 थाने एससी-एसटी के मिलेंगे जिसमें 40 थाने बिहार में ही है । डीजीपी ने कहा कि पीड़ित जेनरल थाने में भी एससी-एसटी के मामले दर्ज करा सकते हैं।
एससी-एसटी थानों में एससी-एसटी पदाधिकारी हैं। बिहार में मुक्त पंजीकरण से अचानक ऐसे मामलों में काफी उछाल आया है। जो भी एससी-एसटी मामले में प्रावधान हैं उनपर युद्धस्तर पर कार्रवाई और जांच करते हुए पीड़ित को मुआवजा राशि दिलाने का कार्य किया जा रहा है। इसमें बिहार अव्वल राज्यों में एक है । बिहार डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि विगत 5 से 7 वर्षों में पहले की अपेक्षा 3 हजार से बढ़कर 7 हजार मामले दर्ज हो रहे हैं। वहीं, डीजीपी विनय कुमार ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि एससी-एसटी मामलों में लापरवाही बरतने वाले अनुसंधानकर्ताओं पर भी कार्रवाई होगी। डीजीपी ने कहा की वे लीगल डिमांड किसी भी सूरत में पूरा करें, इसमें मनमानी नहीं चलेगी। कोताही या लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और पदाधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा ।
वहीं, राजधानी में हुए हुए महिला डॉक्टर सुरभि राज हत्या मामले में डीजीपी ने बताया कि ये जटिल मामला है। पटना पुलिस हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है। फॉरेंसिंग टीम भी इस मामले में साक्ष्य इकट्ठा कर रही है। कुछ अंदरूनी मामले भी हैं, सभी बिंदुओं पर पुलिस की तहकीकात जारी है। फोरेंसिक ,टेक्निकल और ट्रेडिशनल इन्वेस्टिगेशन जारी है, जल्द सभी पकड़े जाएंगे और मामले का उद्भेदन कर दिया जाएगा। फिलहाल इस मामले में पूछताछ जारी है।