बिहार में इतनों सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी AIMIM, असदुद्दीन ओवैसी ने तेजस्वी और महागठबंधन की बढ़ाई चिंता

2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक योद्धा चुनावी मैदान में उतरने को ऐलान कर रहे हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के 11 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर डाला है।

बिहार में इतनों सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी AIMIM, असदुद्दीन ओवैसी ने तेजस्वी और महागठबंधन की बढ़ाई चिंता

PATNA: 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक योद्धा चुनावी मैदान में उतरने को ऐलान कर रहे हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के 11 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर डाला है। जिसने एमवाई समीकरण बना बैठे लालू यादव समेत तेजस्वी यादव और पूरे महागठबंधन की चिंता बढ़ा डाली है। ओवैसी की पार्टी बिहार की किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया समेत अन्य सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। ओवैसी की पार्टी बिहार की किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया समेत अन्य सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।

ओवैसी की पार्टी बिहार की जिन 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी उसमें किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, बक्सर, गया, मुजफ्फपुर, उजियारपुर, काराकाट और भागलपुर शामिल हैं। किशनगंज से अख्तरुल ईमान चुनाव लड़ेंगे तो कटिहार से आदिल हसन को प्रत्याशी बनाया गया है। अन्य सीटों पर भी पार्टी ने प्रत्याशी लगभग तय कर लिए हैं, ओवैसी की मंजूरी मिलते ही उनके नाम भी घोषित कर दिए जाएंगे।

एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार और देश में सेकुलर वोटों का बिखराव न होने की बहुत कोशिश की। उनका इरादा गठबंधन में शामिल होने का था। मगर ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने आरजेडी का नाम लिए बिना आरोप लगाए कि उनके पीठ पर खंजर घोंपा गया। उनकी पार्टी के विधायक तोड़ लिए गए। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां चाहती हैं कि दलित और अल्पसंख्यकों का वोट मिले, लेकिन इन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देना चाहती हैं। यह दुख की बात है।

AIMIM के बिहार में चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद महागठबंधन के नेताओं की चिंता बढ़ गई है। मुस्लिम बाहुल्य सीमांचल क्षेत्र में ओवैसी की पार्टी का खासा प्रभाव रहा है, पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने इस क्षेत्र की 5 सीटें जीतकर सभी को चौंका दिया था। हालांकि, बाद में उनके चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे। इसके अलावा विभिन्न उपचुनावों में भी ओवैसी ने आरजेडी के मुस्लिम वोटरों में सेंधमारी की। बिहार में मुस्लिम समुदाय लालू यादव की आरजेडी का कोर वोटर माना जाता है। मगर पिछले कुछ सालों में ओवैसी ने अल्पसंख्यक वोटरों को अपने पाले में करने की भरसक कोशिश की। इसका फायदा उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में मिल सकता है।