दरभंगा में निजी जमीन के बाद अब भू-माफियाओं की सरकारी जमीनों पर नजर, पुलिस ने एक को दबोचा

बिहार के दरभंगा जिला में बेलगाम भूमाफिया निजी जमीन के साथ-साथ अब सरकारी जमीनों को निशाना बनाकर बेचने की साजिश कर रहे है। एक ऐसा ही मामला दरभंगा में सामने आया है...

दरभंगा में निजी जमीन के बाद अब भू-माफियाओं की सरकारी जमीनों पर नजर, पुलिस ने एक को दबोचा

DARBHANGA: बिहार के दरभंगा जिला में बेलगाम भूमाफिया निजी जमीन के साथ-साथ अब सरकारी जमीनों को निशाना बनाकर बेचने की साजिश कर रहे है। एक ऐसा ही मामला दरभंगा में सामने आया है। जहां भूमाफिया ने दरभंगा राज परिवार के द्वारा राज्यपाल को दिए गिफ्ट जमीन का नकली दस्तावेज बनवाकर अपना हक जमाने के लिए मजदूरों के साथ जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंच गए। वही जब इस बात की जानकारी स्थानीय लोगों को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत प्रशासन से की। सुचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचकर भू माफिया को हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई में जुट गई है।

दरअसल, लहेरियासराय स्थित स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के पीछे लक्ष्मीपुर कॉलोनी में काफी दिनों से खंडरनुमा मकान जमीन खाली पड़ी है। इसका फायदा उठा भू- माफिया ने साजिश रचकर जमीन का फर्जी कागजात तैयार कर लिया। तथा जमीन बेचने के लिए खुद को अधिकृत बताकर मजूरों के साथ हक जमाने के लिए पहुंच गया। वर्तमान में इस जमीन के एक हिस्से पर रेड क्रॉस सोसाइटी का कार्यालय संचालित हो रहा है। शहर के बीचों-बीच इस बेशकीमती जमीन का रकवा लगभग 13 कट्ठा बताया जा है। जिसकी अनुमानित कीमत 13 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।

वहीं गिरफ्तार जमीन कारोबारी युवक राजीव रंजन ने कहा की अमोनिज्म एक्ट जब आया 1950 में बिहार में लागू हुआ तो 1972 के बाद नगर पालिका का अप्रूवल नहीं हुआ था। 1972 में उसे बिहार सरकार किया गया था। उससे पहले का जो खतियान और बाकी जो कागज है सारा कुछ है मेरे पास, और उसका जो  मलिक है उसके तहत एग्रीमेंट कराया गया है। वही उन्होंने कहा कि अंचल अधिकारी ने एसपी जैसा ड्यूटी निभाने का काम किया। हमारे लड़के का कॉलर पकड़ा गाड़ी का चाबी निकाल लिया। यह सब काम पुलिस का था, तो अंचल अधिकारी ने क्यों किया।

वहीं उन्होंने कहा कि 1972 के सर्वे के अकॉर्डिंग यह जमीन बिहार सरकार की है। लेकिन उससे पहले जो मालिक का था। उससे मैं वंशावली के अनुसार एग्रीमेंट करवाया हूं। उसका पेपर कोर्ट में और अंचल अधिकारी के यहां सबमिट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिसे हमने एग्रीमेंट कराया है। उनका वह पूर्वज का जमीन है। यह दरभंगा महाराज का जमीन है। आप दरभंगा महाराज का वंशावली देखिए उनकी बेटी के परिवार से हमने कराया है। इस जमीन के लिए हमने 5 लाख अग्रिम राशि दी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के नाम से रजिस्ट्री होगी तो सरकार ने मुआवजा तो दिया होगा। हमने अपना पेपर दिखा दिया है। अब डीसीएलआर और सीओ अपना पेपर दिखाएं।

इस संबंध में सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया की लहेरियासराय स्थित एसबीआई का मेंन ब्रांच के पीछे लक्ष्मीपुर कॉलोनी में कुछ लोगों के द्वारा सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। मामले की जानकारी होते ही घटनास्थल पर सीओ को भेजा गया और मामले को संज्ञान में लेते हुए बहादुरपुर के अझौल निवासी राजीव रंजन को थाना में लाया गया है। राजस्व कर्मचारी के बयान पर उसके ऊपर सुसंगत धाराओं में कैसे हुआ है और व्यक्ति न्यायिक हिरासत में है।

बताते चले कि वर्ष 1973 में इस जमीन को दरभंगा महाराज के मैनेजर के द्वारा राज्यपाल के नाम से  हस्तांतरित हुआ था। जिसके बाद सरकार ने उस जमीन पर सरकारी आवास का निर्माण करवाया। लेकिन समय के साथ भवन पुराना होने के साथ खंडर में तब्दील हो गया। जिसके बाद वहां से सरकारी भवन को खाली कराकर एक भवन में रेड क्रॉस सोसाइटी का कार्यालय खोल दिया गया। लेकिन शेष हिस्सा वैसे ही रह गया। जब इस भूमि पर भू-माफिया का नजर पड़ा तो उन्होंने गलत दस्तावेज के सहारे मजदूर से जमीन की साफ सफाई करने लगे।

जब स्थानीय लोगो को शंका हुआ तो इसकी सूचना प्रशासन को दी गई। वही सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी के निर्देश पर बहादुरपुर सीओ व पुलिस मौके पर पहुंचकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। वही गिरफ्तार व्यक्ति ने बताया कि यह जमीन हमने महाराज के खतियान हिसाब से प्राप्त किया है। 1972 से पहले जिसके पास यह जमीन थी उसे आदमी से हमने एग्रीमेंट किया है। यह जमीन बिहार सरकार की नहीं है।

दरभंगा से अशोक ठाकुर की रिपोर्ट