NEET UG 2024 पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, ‘5-5 लाख में हुई थी डील’ पटना से MBBS छात्र समेत इतने गिरफ्तार
रविवार (5 मई) को देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक NEET UG 2024 को आयोजन हुआ था। जिसमें 23,81,833 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए लेकिन परीक्षा पेपर लीक के संदेह के घेरे में फंस गया है। जिसके बाद एक्टिव हुई पुलिस ने देश के कई राज्यों से परीक्षा दे रहे 14 सॉल्वर को गिरफ्तार किया है।
PATNA: रविवार (5 मई) को देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक NEET UG 2024 को आयोजन हुआ था। जिसमें 23,81,833 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए लेकिन परीक्षा पेपर लीक के संदेह के घेरे में फंस गया है। जिसके बाद एक्टिव हुई पुलिस ने देश के कई राज्यों से परीक्षा दे रहे 14 सॉल्वर को गिरफ्तार किया है। वहीं NEET UG 2024 परीक्षा के पेपर लीक की जानकारी पटना पुलिस को भी मिली, जिसके बाद पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरु कर दी है।
बताया जा रहा है कि कई कैंडिडेट से सॉल्वर गैंग्स ने 20 लाख रुपये लेकर सॉल्वर्स को प्रश्न पत्र रटाने के लिए पटना के विभिन्न लॉज में छिपा रखा था। पुलिस को इस बात की सूचना परीक्षा से एक दिन पूर्व लगी। जिसके बाद रविवार सुबह पुलिस ने पटना के कई लॉज में छापेमारी की। इस दौरान पुलिस के पास कुछ प्रश्न पत्र मिलने की भी बात सामने आई है।
NEET UG 2024 पेपर लीक मामले पर पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा है कि "पेपर लीक के मामले में जांच चल रही है और जांच के बाद बताएंगे कि सही में पेपर लीक हुआ है या नहीं। हालांकि उन्होंने बताया है कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है और कई नाम भी सामने आ रहे हैं और दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी भी पकड़े जा रहे हैं।" पेपर लीक के मामले पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से बताया गया है कि परीक्षा की समाप्ति के बाद ही प्रश्न पत्र परीक्षा हॉल से बाहर ले जाने की अनुमति है लेकिन कुछ छात्र पहले ही जबरदस्ती बाहर लेकर चले गए। जिसके चलते प्रश्न पत्र शाम 4:00 बजे के पहले ही इंटरनेट पर प्रसारित हो गया।
एनटीए की डायरेक्टर साधना पाराशर ने पूरे मामले को लेकर बताया कि नीट यूजी में कदाचार के आरोप में देश भर से 50 से अधिक लोगों को पकड़ा गया है और इसमें कई एमबीबीएस का छात्र भी शामिल है। इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच का जिम्मा दे दिया गया है और जांच जारी है।
वहीं सूत्रों की माने तो पटना में सिकंदर यादव सहित जिन चार लोगों को केंद्रीय जांच एजेंसी ने उठाया है, यह सभी लोग पेपर लीक कराने की कोशिश कर रहे थे और इनके पास से काफी कागजात भी मिले हैं। सिकंदर पहले भी पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है। इनकी ओर से पटना के कई सेंट्रो पर स्कॉलर को बैठाया गया था जो दूसरे छात्रों के बदले परीक्षा दे रहे थे।
पुलिस ने सूचना मिलने पर शास्त्री नगर इलाके में स्थित एक स्कूल से परीक्षा देकर निकलते ही सॉल्वर को परीक्षा केंद्र पर ही गिरफ्तार कर लिया। जो जानकारी मिल रही है आयुष नाम के परीक्षार्थी के बदले सॉल्वर परीक्षा दे रहा था और सॉल्वर भी मेडिकल कॉलेज का एक छात्र है। पुलिस ने देर रात तक पांच सॉल्वरों को हिरासत में लिया है और पूछता जारी है।
पटना पुलिस ने शास्त्री नगर थाने में पेपर लीक के मामले में एफआईआर दर्ज किया है और एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि जांच के बाद ही पता चलेगा पेपर लीक हुआ है या नहीं। जो जानकारी मिल रही है परीक्षा पास करने के लिए दूसरे के बदले परीक्षा दे रहे सॉल्वरों ने परीक्षा माफिया गिरोह के साथ 5-5 लाख रुपये में डील किया था।
बता दें कि रांची में भी बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के आधार पर 7 सॉल्वर पकड़े गए हैं। जिसमें सोनू कुमार सिंह नाम का एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया है। मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक राज नाम के छात्र की जगह यह परीक्षा देने पहुंचा था और सोनू पटना के एनएमसीएच के एमबीबीएस का छात्र है। पटना और रांची पुलिस संयुक्त रूप से सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई कर रही है और आशंका जताई जा रही है कि सोनू भी पटना के किसी परीक्षा माफिया गैंग से संबंध रखता है।