शिक्षक-सिपाही पेपर लीक में 279 गिरफ्तार, प्रिटिंग प्रेस-पेपर ट्रांसपोर्ट करने वाले भी पेपर लीक में शामिल थे
यूपी सिपाही बहाली पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है।
Patna: यूपी सिपाही बहाली पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। ईओयू ने डॉ. शिव कुमार, संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, तेज प्रकाश सहित 279 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। ये अपराधी प्रिंटिंग प्रेस और पेपर ट्रासपोर्ट करने वाले कूरियर कंपनियों के कर्मचारियों के सहयोग से प्रश्न पत्र को लीक करते थे। जिसके बाद वह 10 से 12 लाख रुपए में पेपर का सौदा करते थे।
गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त डॉ. शिव कुमार 2017 में नीट यूजी के पेपर लीक मामले में शामिल था। डॉ. शिव कुमार के गिरोह के तार यूपी झारखंड, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, बिहार सहित देश के अन्य राज्यों से जुड़े है। शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले का 56 दिनों के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने खुलासा किया है,मुताबिक, अपराधी प्रिटिंग प्रेस और कूरियर कंपनी को भी साजिश में शामिल कर पेपर लीक करते थे। वह वैकेंसी निकलने के बाद प्रिटिंग प्रेस के साथ ही कूरियर कंपनी के ट्रांसपोर्ट की लगातार मॉनिटरिंग करते थे। जिसके बाद वह प्रिटिंग प्रेस और कूरियर कंपनी के कर्मचारियों को अधिक पैसे का लालच देकर पेपर लीक करते थे।
समझिए... कैसे चलता था पेपर लीक का खेल
शिक्षक भर्ती में माफियाओं ने डीटीडीसी कूरियर कंपनी को वाहन उपलब्ध कराने वाले श्रीनिवास चौधरी से पटना के मिर्चीमिचीं कॉलोनी में रहने वाले राहुल पासवान के माध्यम से संपर्क किया। राहुल जेनिथ लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में मुंशी था। माफियाओं ने पैसे का लालच दे श्रीनिवास चौधरी, राहुल पासवान व वाहन चालक राम भवन पासवान को साजिश में शामिल कर लिया।
13 मार्च को जब पेपर 3 प्रिटिंग प्रेस से नवादा के लिए रवाना हुआ तो डॉ. शिव कुमार, संजीव कुमार व अन्य वाहन सहित पेपर को हजारीबाग में बुद्धा फेमिली रेस्टोरेंट ले गए। वहां बॉक्स की सील तोड़ पेपर को स्कैन किया। फिर हजारीबाग के कोहिनूर बैंक्वेट हॉल में अभ्यर्थियों को 10-12 लाख में पेपर बेचा। वहीं प्रश्नों को रटवाया। पुलिस ने कोहिनूर बैंक्वेट में छापेमारी कर गिरफ्तारी की।
पटना से अजय शर्मा की रिपोर्ट