एक नई पार्टी के नाम और सिंबल पर लोकसभा चुनाव लड़ेगें पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, जाने पार्टी के नाम, सिंबल और इसकी पूरी वजह...
उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू का दामन छोड़ दिया था और राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से नई पार्टी बनाई थी, पर चुनाव आयोग ने उसकी जगह दूसरे नाम को यूज करने की अनुमति दी है. उपेन्द्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक जनता दल एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा समेत कुल 6 नाम चुनाव आयोग को सुझाए थे जिसमें चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा नाम रखने पर सहमति दी है और इसी नाम से रजिस्टर्ड भी किया है.
PATNA:- अब एक नई पार्टी के नाम और सिंबल पर लोकसभा चुनाव लड़ेगें पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, क्योंकि उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का नाम बदल गया है. चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनता दल की जगह राष्ट्रीय लोक मोर्चा दिया है. अब इसी पार्टी से उपेन्द्र कुशवाहा और उनकी पार्टी के नेता लोकसभा एवं आगे का चुनाव लड़ेगें.
बता दें, बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाए जाने और 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा के कुछ दिन बाद ही उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू का दामन छोड़ दिया था और राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से नई पार्टी बनाई थी, पर चुनाव आयोग ने उसकी जगह दूसरे नाम को यूज करने की अनुमति दी है. उपेन्द्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक जनता दल एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा समेत कुल 6 नाम चुनाव आयोग को सुझाए थे जिसमें चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा नाम रखने पर सहमति दी है और इसी नाम से रजिस्टर्ड भी किया है. वही, पार्टी के नये नाम की जानकारी देते हुए पार्टी सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा ने लोकसभा चुनाव के साथ ही नीतीश-लालू के बनते-बिगड़ते संबंधों के साथ ही कई मुद्दों पर मीडियाकर्मियों से बातचीत किया.
मालूम हो, उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा- हमारी पार्टी बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है. कितने सीटों पर हमारी पार्टी चुनाव लड़ेंगी, ये अभी तय नहीं हुआ है. इसका मतलब है कि एनडीए में अभी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है, क्योंकि उपेन्द्र कुशवाहा अभी एनडीए के अंग है. वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संबंधों के सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बताइये कि नीतीश जी से मेरा व्यक्तिगत सबंध कब बेहतर नहीं था? हमने नीतीश जी को लेकर जो कहा था वो सच साबित हुआ है. महागठबंधन के साथ रहने के दौरान नीतीश जी का चेहरा देख तरस आता था. अगर ज्यादा दिन वे वहां रहते तो वो जीवित भी नहीं रह पाते और लालू यादव पर पूछे गए सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि, नीतीशजी के अलग होने से लालू जी धराम से आसमान से जमीन पा आ गए हैं.