नवादा में खनन माफियाओं की कट रही चांदी, हर दिन लूट रहे लाखों का अभ्रक, मूकदर्शक बना विभाग

नवादा के रजौली थाना क्षेत्र के क्षेत्र में सवैयाटाँड़ पंचायत अंतर्गत जंगली क्षेत्रों में अवैध अभ्रक खनन धड़्डले से जारी है. रात के अंधेरे में तो जेसीबी से धड़ाधड़ अवैध खनन हो हीं रही है, अब दिन के उजाले में भी अवैध खनन जारी है.

नवादा में खनन माफियाओं की कट रही चांदी, हर दिन लूट रहे लाखों का अभ्रक, मूकदर्शक बना विभाग

NAWADA: जिले रजौली थाना क्षेत्र के क्षेत्र में सवैयाटाँड़ पंचायत अंतर्गत जंगली क्षेत्रों में अवैध अभ्रक खनन धड़्डले से जारी है. रात के अंधेरे में तो जेसीबी से धड़ाधड़ अवैध खनन हो हीं रही है, अब दिन के उजाले में भी अवैध खनन जारी है. ऐसा तब है जब 11 जून 2021 को खनन मंत्री जनक राम ने इन खदानों का दौरा कर अधिकारियों को कड़े-निर्देश दिए थे. इसके बावजूद ना तो खनन-माफियाओं पर कोई असर पड़ा है और न तो प्रशासनिक गतिविधियां ही सख्त हुई है. रजौली क़े सवैयाटाँड़ पंचायत के शारदा,ललकी,सेठवा, फागुनी ,बसरौन, टोपा पहाड़ी,अंगईया सहित अभ्रख माइंस पर बिहार और झारखंड के दर्जनों माफिया सक्रिय हैं.

2004 में ही खत्म हो गई थी लीज : बता दें कि पहले मोदी बंधुओं के पास खनन का लीज हुआ करता था, लेकिन 2004 में ही ये लीज समाप्त हो गया था. तब से आज तक माफियाओं के द्वारा कब्जा कर अवैध खनन लगातार किया जा रहा है. जिसके बारे में नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी अधिकारी जानते हैं. इसके बावजूद कभी कभी करवाई के नाम पर खानापूर्ति कर अपना पल्ला-झाड़ लिया करते हैं. पिछले दिनों वर्चस्व को लेकर गोलीबारी में कोडरमा जिले के डोमचांच थाना में माफियाओं पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. माइका खनन में परोक्ष रूप से बिहार और झारखंड के माफिया शामिल होते हैं.

अभ्रक खदान में धड़ल्ले से विस्फोटक का उपयोग :;खनन माफिया एक साथ कई अवैध खनन करने साथ कई गैरकानूनी काम कर रहे हैं. विस्फोटक पदार्थ रखने और विस्फोट करने के साथ ही ओवरलोडिंग जैसे अपराध माफियाओं के लिए आम बात है. होल मशीन के द्वारा अभ्रक खदानों में आधा दर्जन से अधिक गहरे गड्ढे किए जाते हैं. उसके बाद इसमें अत्यधिक क्षमता वाला डेटोनेटर व जिलेटिन के साथ कई प्रकार के विस्फोटक सामग्री जैसे गुल्ला टोपी से पहले पत्थरनुमा अभ्रक को उड़ाते हैं.

खतरे में छोटे-छोटे बच्चों का जीवन : पांच साल से दस साल के लड़के भी यहां के संकीर्ण जर्जर खान में छेनी-हथौड़ी से अभ्रक तोड़ते नजर आते हैं। बच्चे अभ्रक तोड़ते हैं, उनके परिवार अभ्रक छांटती हैं और बड़ी उम्र की लड़कियां अभ्रक ढोती हैं। इन खदानों में काम करने के दौरान कई बार चालों के धंसने पर दर्जनों बच्चे दम तोड़ देते हैं लेकिन गैरकानूनी खदान के चलते बच्चों के परिजन पुलिस को सूचना भी नहीं देते हैं। पीड़ित परिजन वन भूमि पर अवैध खनन जारी रखने के लिए सरकार से मुआवजा तक नहीं मांगते हैं

नवादा से सुनील कुमार की रिपोर्ट