‘जन विश्वास यात्रा’ को लेकर बोले राज्यसभा सांसद मनोज झा, कहा- तेजस्वी यादव ने बिहार की सियासत का व्याकरण बदलकर रख दिया है...

तेजस्वी को मिल रहे समर्थन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पटना से सुबह चलकर रात ढाई बजे जन विश्वास यात्रा सुपौल पहुंची है. इसी से समझा जा सकता है कि इस यात्रा का व्याकरण क्या है. तेजस्वी यादव को हर जाति, हर समुदाय का भरपूर प्यार मिल रहा है. तेजस्वी की यात्रा में युवा, महिला और हर वर्ग के लोगों की भागीदारी, बदलाव का संकेत है.

‘जन विश्वास यात्रा’ को लेकर बोले राज्यसभा सांसद मनोज झा, कहा- तेजस्वी यादव ने बिहार की सियासत का व्याकरण बदलकर रख दिया है...

SUPAUL: बिहार में सत्ता परिवर्तन होने के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अब सड़क पर उतर गए हैं. जन विश्वास यात्रा कर रहें तेजस्वी यादव हर दिन विभिन्न जिलों की यात्रा कर केंद्र और राज्य सरकार की पोल खोल रहे हैं तो वहीं अपने 17 महीने की सरकार की उपलब्धियां भी लोगों को बता रहा है. तेजस्वी की यात्रा में जुट रही भीड़ से राजद काफी उत्साहित है और बिहार में बड़े बदलाव के संकेत की बात कह रही है.

बता दें, राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ जन विश्वास यात्रा में सीमांचल पहुंचे पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा- बिहार के लोग अच्छी तरह से जान चुके हैं कि नौकरी, भरोसा और बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का मतलब तेजस्वी हैं. उन्होंने कहा कि, तेजस्वी यादव अबतक 22 जिले कवर कर चुके हैं और हर जिले में पहले सभाएं हुईं. सभा के दौरान पाया गया कि तीन मार्च को होने वाली रैली को लेकर रोड शो किया जाए.

साथ ही उन्होंने कहा कि, तेजस्वी को मिल रहे समर्थन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पटना से सुबह चलकर रात ढाई बजे जन विश्वास यात्रा सुपौल पहुंची है. इसी से समझा जा सकता है कि इस यात्रा का व्याकरण क्या है. तेजस्वी यादव को हर जाति, हर समुदाय का भरपूर प्यार मिल रहा है. तेजस्वी की यात्रा में युवा, महिला और हर वर्ग के लोगों की भागीदारी, बदलाव का संकेत है.

मालूम हो, राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी यादव ने बिहार की सियासत का व्याकरण बदलकर रख दिया है. लोग यहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा की बात नहीं सुनना चाहते बल्कि नौकरी और विकास के मुद्दे पर बात चाहते हैं. हर रैली में नौकरी मतलब तेजस्वी, भरोसा मतलब तेजस्वी और बेहतर अस्पताल का मतलब तेजस्वी, ये जो सरोकार की राजनीति है उसमें आशा, आंगनबाड़ी, ममता, रसोइया उनके मानदेय बढ़ोतरी की बात हो रही है. ये जो राजनीति में बदलाव आया हैं वह लोकतंत्र और बिहार के लिए उचित हैं. लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव में इसके व्यापक परिणाम सामने आएंगे.