नीतीश सरकार की लचर कानून व्यवस्था के विरोध में सड़कों पर उतरी इंडिया गठबंधन, पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ा, माहौल गरम
बिहार में अपराधियों का तांडव सिर चढ़कर तांडव मचा रहा है। आमजन में दहशत का माहौल व्याप्त है। आए दिन मर्डर, लूट, बलात्कार, डकैती, छिनतई घटना को अंजाम देते हुए अपराधी बिहार की पुलिस को खुली चुनौती देते नहीं थक रहे।
PATNA: बिहार में अपराधियों का तांडव सिर चढ़कर बोल रहा है। आमजन में दहशत का माहौल व्याप्त है। आए दिन मर्डर, लूट, बलात्कार, डकैती, छिनतई जैसी गंभीर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हुए अपराधी बिहार की पुलिस को खुली चुनौती देते नहीं थक रहे। वहीं वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की घर में घुसकर की गई हत्या ने पुलिस-प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया कि अगर प्रदेश के नेता का परिवार ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा..? इन्हीं सब बातों को लेकर शनिवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मार्च निकाला।
पटना आयकर गोलंबर पर सैकड़ों की संख्या में जुटे महागठबंधन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल का नारा दिया और जुलूस की डाक बंगला चौराहा के रास्ते समाहरणालय तरफ निकल गए। इस दौरान राजद नेताओं ने एनडीए की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। लेकिन इससे पहले मार्च में शामिल कुछ कार्यकर्ताओं ने डाकबंगला चौराहे पर ही पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दिया था।
बिहार में विधि व्यवस्था के मुद्दे पर शनिवार को पूरा विपक्ष सड़कों पर उतर गया और बढ़ते अपराध पर राज्य सरकार को घेरने की कवायद की। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि लालू सरकार पर जंगल राज का आरोप लगाने वाली एनडीए सरकार में अपराध चरम पर पहुंच गया है लेकिन सुशासन का झूठा दावा करने वाली डबल इंजन की सरकार इस पर रोक लगाने में पुरी तरह विफल है।
कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर इंडिया गठबंधन की ओर से शांतिपूर्ण प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया था। लेकिन सरकार ने इस पर भी जगह-जगह बार बैरिकेडिंग खड़ा करके रोक लगाने की कोशिश की। यह सरकार की मंशा जाहिर करती है कि भारतीय जनता पार्टी और जदयू को प्रजातांत्रिक मूल्यों में भरोसा नहीं है। यह लोग लाठी के बल पर शांतिपूर्ण विरोध को भी दबाना चाहते हैं। स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि घर में घुसकर बड़े नेताओं के संबंधियों की हत्या हो रही है।