Chirag Paswan :- इशारों-इशारों में चिराग पासवान कह गए बड़ी बात, मुझे समाप्त करने के लिए कई बड़ी सियासी ताकतें लगी हुईं हैं' !

Chirag Paswan News: चिराग पासवान खगड़िया में शुक्रवार को जमकर विरोधियों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार मे ही बिहारियों को रोजगार देने की बात करता हूं तो मेरे पीछे सियासी ताकतें लगी हुईं हैं !

Chirag Paswan :- इशारों-इशारों में चिराग पासवान कह गए बड़ी बात,  मुझे समाप्त करने के लिए कई बड़ी सियासी ताकतें लगी हुईं हैं' !

NBC24 DESK:-पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान  शुक्रवार को खगड़िया पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने महागठबंधन सरकार पर जमकर बरसे ! आपको बता दे कि उन्होंने कहा कि आज भी कई बड़ी सियासी ताकतें इस फिराक में लगी हुईं हैं कि कैसे मुझे समाप्त कर दिया जाए ! आखिर उन सबको मुझसे इतनी नफरत क्यों, क्या कसूर है मेरा? मेरा कसूर बस इतना ही है न कि मैं बिहार में बेहतर शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करता हूं. बिहार मे ही बिहारियों को रोजगार देने की बात करता हूं. यहां के किसानों और मजदूरों के हक, महिलाओं की सुरक्षा, बुजुर्गों के सम्मान और युवाओं के बेहतर भविष्य की बात करता हूं. बस यही कसूर है.

मेरा मकसद केवल राजनीति करना नहीं है !

आपको बता दे कि चिराग पासवान ने कहा कि ना तो मेरे पास आय से ज्यादा संपत्ति है और ना मेरे ऊपर कोर्ट-कचहरी में मुकदमा चल रहा है, लेकिन तमाम लोगों को इस बात से परेशानी है कि मैं क्यों विकसित बिहार बनाने की बात करता हूं. मैं क्यों बिहारी युवाओं, महिलाओं और बुजूर्गों की आवाज बन रहा हूं. मैं क्यों बिहार को आगे ले जाने की बात कर रहा हूं. अपने विजन ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के बारे में चिराग पासवान ने कहा कि मेरा मकसद केवल राजनीति करना नहीं बल्कि बिहार के हक में अपने विजन को साकार करना है. इसे हर हाल में धरातल पर उतारना है, जब तक यह धरातल पर नहीं उतरेगा बिहार विकसित राज्य नहीं बनेगा. 

सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना !

खबर है कि नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व होता है पूरे प्रदेश को एक मुट्ठी में बांधकर रखना, लेकिन यह बिहार का दुर्भाग्य ही है  कि हमें एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जिसने हमे जात-पात और धर्म-मजहब में बांटने काम किया है. कैसे भाई को भाई से अलग किया जाए, कैसे दलित को महादलित, पिछड़ा को अतिपिछड़ा मे बांटा जाए. उन्होंने समाज को कभी अगड़ा-पिछड़ा, कभी लव-कुश, कभी हिन्दू-मुस्लिम और कभी महिला-पुरुष में ही बांटने का काम किया है. उन्होंने  बांटा और हम बंटे. आज भी आजादी के 75 साल बाद यह गंभीर विषय है, जिसे हमें समझना होगा. 

'बिहार आजादी के 75 साल बाद भी पिछड़ा प्रदेश कहलाता है' 

दरसअल रालोजपा प्रमुख ने कहा कि आजादी के 75 बरसों के बाद भी आखिर क्या कारण है कि हमारा प्रदेश विकसित प्रदेश नहीं बना. देश के तमाम प्रदेश एक साथ आजाद हुए तो क्यों दिल्ली-मुंबई जैसे प्रदेश इतने आगे चले गए और बिहार आजादी के 75 साल बाद भी पिछड़ा प्रदेश कहलाता है. एक तरफ जहां दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और गुजरात जैसे प्रदेशों में आईटी सेक्टर और उद्योगों की बात होती है, मेट्रों ट्रेन से आगे बुलेट ट्रेन की बात होती है लेकिन हमारे बिहार में आजादी के 75 साल बाद भी हम बिहारियों को मूलभूत जरूरतों के लिए तरसना पड़ता है.