JDU में पूर्व आईएएस मनीष वर्मा की होगी धमाकेदार एंट्री!, बिहार चुनाव से पहले सीएम नीतीश दे सकते हैं ये बड़ा पद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में आधिकारिक रूप से एंट्री होने वाली है। उनके मंगलवार को पटना में जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करने की चर्चा है।
PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में आधिकारिक रूप से एंट्री होने वाली है। उनके मंगलवार को पटना में जेडीयू की सदस्यता ग्रहण करने की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम नीतीश उन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद देने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। बता दें कि मनीष वर्मा अभी राज्य आपदा प्राधिकरण के सदस्य हैं। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) ली थी। इसके बाद वे नीतीश के सलाहकार बन गए।
आपको बता दें कि बिहार के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरशोर से है कि ओडिशा कैडर के पूर्व IAS अधिकारी रहे मनीष वर्मा को पार्टी में बड़ा पद मिलने वाला है। कहा तो ये भी जा रहा है कि पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है।
कौन हैं मनीष वर्मा..?
1974 में जन्मे पूर्व IAS अधिकारी मनीष वर्मा बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं। वे मुख्यमंत्री की कुर्मी जाति से ही आते हैं। वे मुख्यमंत्री के दूर के भी रिश्तेदार बताए जाते हैं। वर्ष 2000 में वह ओडिशा कैडर के IAS अधिकारी बने और सबसे पहले वह ओडिशा के कालाहांडी में सब-कलेक्टर बनाए गए थे।
इसके बाद वह गुनपुर, रायगढ़ में SDM के पद पर रहे। मनीष कुमार वर्मा को नौकरी के 5 साल बाद पहली बार मलकानगिरी जिले का DM बनाया गया था। 2012 तक वह ओडिशा में कई जिलों के डीएम रहे लेकिन साल 2012 के बाद ओडिशा को छोड़कर इंटर स्टेट डेप्युटेशन में 5 साल के लिए बिहार आ गए। इस दौरान वे पटना और पूर्णिया के DM भी रहे।
उनके ही कार्यकाल में पटना के गांधी मैदान में रावण वध के दौरान बड़ी घटना हुई थी। बिहार में 5 साल रहने के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका दिया गया। 23 मार्च 2018 को पांच साल पूरा हुआ तो भारत सरकार की मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति की ओर से पत्र जारी किया गया और इन्हें वापस ओडिशा भेजा जाने लगा तो मनीष कुमार वर्मा ने इनकार कर दिया और VRS लेकर नौकरी छोड़ दी। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें राज्य आपदा प्राधिकरण का सदस्य बना दिया। इसके साथ ही वे CM नीतीश कुमार के सलाहकार भी बन गये।