अभी जेल में ही रहेंगे जदयू एमएलसी राधा चरण साह, हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार...
नए सरकार में विश्वासमत के दौरान उपस्थित रहने के लिए अनुमति देने के मामले पर पटना हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र एवं राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
PATNA : फ़िलहाल जेल में ही रहेंगे जदयू एमएलसी राधा चरण साह. नए सरकार में विश्वासमत के दौरान उपस्थित रहने के लिए अनुमति देने के मामले पर पटना हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र एवं राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
बता दें, न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकल पीठ ने विधान पार्षद राधा चरण साह की क्वाशिंग याचिका पर सुनवाई की. याचिका द्वारा पीएमएलए विशेष न्यायालय, पटना द्वारा दो फरवरी को पारित आदेश की वैधता को कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसके तहत पीएमएलए विशेष न्यायालय, पटना ने न्यायिक हिरासत में बिहार विधान परिषद के 206वें सत्र में उन्हें भाग लेने की अनुमति नहीं मिली.
इसे लेकर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने विश्वासमत के के पहले दोनों सदनों के संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए अनुमति देने की मांग कोर्ट से की. उन्होंने कहा कि ऐसे ही मामले में झारखंड के मंत्री हेमंत सोरेन एवं अन्य को राहत मिली है. इस आधार पर याचिकाकर्ता को भी राहत मिलनी चाहिए.
लेकिन याचिका का विरोध करते हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल डा. केएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि विश्वासमत में विधानसभा के विधायक पक्ष एवं विपक्ष में वोट करते हैं. आवेदक विधान परिषद के सदस्य हैं. इन्हें विश्वासमत में मत देने का अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा- 12 फरवरी को विश्वासमत के दौरान उनकी उपस्थिति की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील अजय कोर्ट में उपस्थित रहे.
मालूम हो, एकल पीठ ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि गलत जानकारी देने के बजाय सही जानकारी देने की बात कही. और कोर्ट के कहा कि जब विधान परिषद के सदस्य को विश्वासमत कार्रवाई में भाग नहीं लेना है तो फिर इसे अति आवश्यक बता कर सुनवाई के लिए अनुरोध क्यों किया गया? इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मार्च को की जाएगी.