Bihar Summer Camp: इस बार बिहार में गर्मी की छुट्टियों में लगेगा Summer camp मस्ती के साथ होगी पढ़ाई भी, जानें नई पहल की बड़ी वजह
Bihar: शिक्षा विभाग के मुताबिक समर कैंप के लिए एक सौ से ज्यादा वॉलिंटियर तैयार किए जा रहे हैं, जो बच्चों को पढ़ाएंगे और खेल भी कराएंगे. बिहार में कहीं भी किसी भी कैंप में छात्र जा सकते हैं.
NBC24 DESK:- पटना: गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग करने के लिए बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने समर कैंप लगाने का फैसला लिया है.आपको बता दे कि शिक्षा विभाग की यह नई पहल है! साथ ही आपको यह भी बता दे कि इसके तहत गर्मी की छुट्टी के दौरान बच्चों को डेढ़ घंटे तक पढ़ना होगा. इस दौरान खेल-खेल में पढ़ाई भी होगी. शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने बताया कि कक्षा 6- 7 तक की शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार के लिए समर कैंप का आयोजन इस बार से किया जा रहा है. हालांकि इससे पहले 2008 में भी इस तरह की पहल की गई थी, लेकिन उसके बाद वह आगे नहीं बढ़ पाया. इस बार पूरे बिहार में समर कैंप होगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक सौ से ज्यादा वॉलिंटियर तैयार किए जा रहे हैं जो बच्चों को पढ़ाएंगे और खेल भी कराएंगे.
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने दी ये अहम जानकारी !
आपको बता दे कि सचिव दीपक कुमार ने बताया कि कक्षा 6- 7 में हिंदी भाषा और गणित में जो बच्चे कमजोर हैं उनके लिए समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है. कोई भी बच्चा कहीं भी किसी भी कैंप में जा सकता है. अगर कोई बच्चा छुट्टी के दौरान बिहार में अपने रिश्तेदारों के यहां गया हुआ है और वहां समर कैंप लगा है तो वह वहां भी पढ़ाई कर सकता है. यह कैंप स्कूल में नहीं होगा. वॉलिंटियर अपने हिसाब से जगह का चयन करेंगे यह उन पर छोड़ दिया गया है.साथ ही आपको बता दे कि इस समर कैंप में बच्चों को खेल भी कराया जाएगा और घंटे भर तक पढ़ाई करवाई जाएगी. एक वॉलिंटियर पर अधिकतम 15 बच्चों की जिम्मेदारी दी जाएगी. इस कैंप से बच्चों की भाषा और गणित पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इससे बच्चे आगे के क्लास में सही हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि हम लोग इसका चयन कर रहे हैं कि कौन सा बच्चा गणित और भाषा में कमजोर है. चयन होने के बाद उन बच्चों को समर कैंप भेजा जाएगा. दीपक कुमार ने बताया कि समर कैंप के लिए कोई अतिरिक्त राशि खर्च नहीं की गई है. वॉलिंटियर अपनी स्वेच्छा से फ्री में समर कैंप में सेवा देंगे. दीपक कुमार ने कहा कि यह पहल निश्चित तौर पर बच्चों को शिक्षा में मजबूत करेगा.
प्रमोशन को लेकर दी गई ये जानकारी !
दरअसल सचिव दीपक कुमार ने शिक्षकों की कमियों को लेकर कहा कि कक्षा 6 से लेकर 8 तक सीधी भर्ती पिछले 15 साल से हो रही है अब जो जगह खाली है वह प्रमोशन का है, क्योंकि अभी कई सालों से प्रमोशन शिक्षकों का रुका हुआ है, लेकिन प्रमोशन तो देना अनिवार्य है. जो शिक्षक कक्षा चार- पांच को पढ़ा रहे हैं उन्हें प्रमोशन देकर 6-7 में दिया जाना है. हम लोग इस पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें कक्षा 6 और 7 एवं 8 तक के लिए प्रमोट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें नियोजित शिक्षक भी हैं. उन्होंने बताया कि हम लोग इस पर भी विचार कर रहे हैं कि जो नियोजित शिक्षक हैं उनको किस तरह से परीक्षा लेकर राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए !