विधानसभा चुनाव से पहले मांझी ने बढ़ाई NDA की टेंशन, कहा-इतने सीटों पर हमारी पार्टी लड़ेगी विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव की दस्तक के बीच हम नेता व केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है। सीटों के बंटवारे को लेकर अभी कोई चर्चा एनडीए में नहीं हुई है, लेकिन जीतनराम मांझी ने सीटों को लेकर अपना गणित लगा दिया है।

GAYA : बिहार विधानसभा चुनाव की दस्तक के बीच हम नेता व केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है। सीटों के बंटवारे को लेकर अभी कोई चर्चा एनडीए में नहीं हुई है, लेकिन जीतनराम मांझी ने सीटों को लेकर अपना गणित लगा दिया है। उन्होंने गया के शेरघाटी में गरीब चेतना सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान सीटों को लेकर अपना रूख जाहिर भी कर दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में जीतनराम मांझी की हम पार्टी विधानसभा सीटों के मामले में दहाई में भी नहीं पहुंच सकी थी, किंतु इस बार उनकी बड़ी डिमांड सीटों को लेकर है। मांझी ने कहा है कि वे इस बार 40 सीट मांगेंगे। 20 सीट पर निश्चित तौर पर जीत दर्ज करेंगे। इस तरह जीतनराम मांझी के बयान के बाद विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में टेंशन बढ़ने के आसार हैं।
मांझी की हम पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में 40 सीटें चाहिए। एनडीए की घटक हम पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में दहाई सीट भी नहीं पा सकी थी, लेकिन इस बार 2025 के विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर बड़ी मांग कर दी है। हम पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने गया के शेरघाटी में गरीब चेतना सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपनी बड़ी मांग सीटों को लेकर सामने रख दी है। जीतनराम मांझी ने कहा है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें 40 सीट मिलनी चाहिए। वह 20 सीटों पर हर हाल में चुनाव जीतेंगे।
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा है कि उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव में 40 सीट चाहिए। बिहार और गया के विकास के लिए कम से कम उन्हें 20 सीट जीतनी जरूरी है। 40 सीट मिलने पर वह निश्चित तौर पर 20 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। वहीं, शेरघाटी विधानसभा पर भी एक तरफ से जीतन राम मांझी ने दावा ठोक दिया है, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर ही मांझी की बड़ी गरीब चेतना सम्मेलन आयोजित हुई। एक तरह से उन्होंने शेरघाटी विधानसभा से चुनाव लड़ने की भी सांकेतिक घोषणा कर दी है।
जीतनराम मांझी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कई तरह की बातें कही। सीटों पर वह लगातार चर्चा करते रहे। वहीं, गरीबों -पिछड़ों से कहा कि शेरनी का दूध जो पियेगा वह दहाड़ेगा। शेरनी का दूध उन्होंने शिक्षा को कहा। बताया कि मुसहर की साक्षरता दर सात प्रतिशत है, जो बहुत कम है। ऐसे में हमें शिक्षित होना चाहिए। जो शिक्षित होगा, वही दहाड़ेगा। जब तक चेतना नहीं आएगी तबतक विकास हमारे समाज का नहीं होगा। मांझी ने राजनीति को चाबी और विकास को ताला बताया। जीतनराम मांझी ने कहा कि वक्फ बोर्ड पर उनका स्टैंड एनडीए के साथ है। 14 साल से भाजपा केंद्र की सत्ता में है, लेकिन कोई दंगा नहीं हुआ। उन्होंने तीन तलाक जैसी कुरीतियों को दूर किया।
वहीं वक्फ बोर्ड पर कहा कि उनका स्टैंड क्लियर है, वह एनडीए के साथ हैं। एनडीए किसी समाज का बुरा नहीं करने जा रही है। मुख्यमंत्री की मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि जो लोग इस तरह का आरोप लगा रहे हैं, वही मानसिक रूप से बीमार हैं। 20 साल नीतीश कुमार ने राजसत्ता संभाली है। वह राष्ट्रगान का अपमान कैसे कर सकते हैं। यह बिल्कुल सरासर गलत आरोप है। हमने भी देखा है, ऐसी कोई बात नहीं है। चेतना सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहा कि यहां रोजगार की भरमार कर दिया जाएगा।
वहीं, जीतनराम मांझी ने प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज पर भी तंज कसा। कहा कि हम लोग 20 से 25 सीट जीतेंगे, लेकिन इसके बीच विधानसभा चुनाव में भुईयां का वोट लेने के लिए कुछ और लोग भी आएंगे, जिनको एक भी सीट नहीं है। वह जाति के नाम पर आएंगे और हमारे भुईयां समाज के वोट को काटने का प्रयास करेंगे ताकि हम लोग हार जाएं। यह चेतना हम देने आए हैं और चेतावनी भी। इसे गंभीरता से समझिएगा। वहीं पत्रकारों को गरीब की कैटेगरी में रखने की बात कही और कहा कि पत्रकारों को सभी हक दिलाए जाएंगे। जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि वह शेरघाटी को जिला बनाने की कोशिश जरूर करेंगे।