जेल से बाहर आते ही गरजे अनंत सिंह, कहा- ‘अशोक महतो को तो हम जनबो नहीं करते’ ललन सिंह पर बड़ा दावा

रविवार की सुबह-सुबह बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा से पूर्व विधायक ‘छोटे सरकार’ यानि अनंत सिंह जेल से रिहा हो गए। उन्हें 15 दिनों की पैरोल मिली है। अनंत सिंह के जेल से बाहर निकलते ही समर्थकों का हुजूम और छोटे सरकार जिंदाबाद के नारे चारों ओर गूंज रहे थे।

जेल से बाहर आते ही गरजे अनंत सिंह, कहा- ‘अशोक महतो को तो हम जनबो नहीं करते’ ललन सिंह पर बड़ा दावा

PATNA: रविवार की सुबह-सुबह बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा से पूर्व विधायक छोटे सरकारयानि अनंत सिंह जेल से रिहा हो गए। उन्हें 15 दिनों की पैरोल मिली है। अनंत सिंह के जेल से बाहर निकलते ही समर्थकों का हुजूम और छोटे सरकार जिंदाबाद के नारे चारों ओर गूंज रहे थे। बेउर जेल से रिहा होने के साथ ही अनंत सिंह ने मुंगेर लोकसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी ललन सिंह की जीत का भी बड़ा दावा कर दिया। अनंत सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि ललन सिंह 5 लाख से ज्यादा वोट से जीत रहे हैं। वहीं आरजेडी की टिकट पर मुंगेर से अपनी किस्मत आजमा रहा अशोक महतो पर छोटे सरकार ने कहा कि  हम तो अशोक महतो को तो जनबो नहीं करते हैं हम घर के काम से जेल से बाहर आए हैं लेकिन जनता हमको भगवान मानती है, इसलिए हम जनता से गांव-गांव जाकर भेंट कर रहे हैं…

मीडिया से बात करते हुए समर्थकों के साथ होने के सवाल पर अनंत सिंह ने कहा कि लोग हमारे हैं, तो भीड़ किसकी होगी। चुनाव पर बात करते हुए अनंत ने कहा कि चुनाव कहीं है ही नहीं, ललन सिंह पांच लाख वोटों से जीत रहा है। अशोक मेहतो को हम जानते तक नहीं हैं।

राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने अनंत को अपनी पुश्तैनी जमीन-जायदात के बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है। मुंगेर लोकसभा सीट पर 13 मई को होने वाली वोटिंग से पहले अनंत सिंह जेल से बाहर आए हैं। ऐसे वक्त में उनका जेल से बाहर आना बेहद अहम माना जा रहा है। अनंत सिंह, मौजूदा वक्त में पटना की बेऊर जेल में सजा काट रहे हैं।

अनंत सिंह को पैरोल मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार ने पैरोल दे दिया है लेकिन सरकार में बेचैनी बढ़ गई है। अब सरकार बाहुबल, धनबल का प्रयोग कर रही है और बाहुबल धनबल के भरोसे किसी तरह से कुछ सीट जीतना चाह रही है। लेकिन ये संभव नहीं क्योंकि जनबल तेजस्वी यादव के साथ है। जनता का बल लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत है। सरकार चाहे किसी को भी पैरोल दे, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। सरकार दूसरों को क्या पैरोल देगी, खुद ही पेरोल पर है।

NDA के लिए फायदेमंद हैं 'छोट सरकार'?

आपको बता दें कि अनंत सिंह को उनके इलाके में लोग छोटे सरकार के नाम से जानते हैं। कभी नीतीश कुमार के बेहद खास रहे अनंत सिंह बाद में राजनीतिक कारणों से सीएम से दूर होते चले गए और लालू यादव के करीबी हुए। लेकिन अब एक बार फिर अनंत सिंह एनडीए के पाले में हैं। जानकारों का दावा है कि अनंत सिंह भले ही खुले तौर पर चुनाव प्रचार ना भी करें, तब भी वह अपने स्तर से जेडीयू के लोकसभा उम्मीदवार और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को फायदा पहुंचा सकते हैं।

कौन हैं बाहुबली अनंत सिंह?

'छोटे सरकार' और 'मोकामा के डॉन' कहे जाने वाले पूर्व विधायक अनंत सिंह का नाम ही बिहार में खौफजदा करने के लिए काफी है। कहते हैं कि मोकामा में अनंत सिंह की समानांतर सरकार चलती है।

दानापुर से रजत राज की रिपोर्ट