फरार IPS अधिकारी आदित्य कुमार ने पटना सिविल कोर्ट में किया सरेंडर, दोस्त को चीफ जस्टिस बनाकर DGP से पैरवी कराने के बाद से थे फरार

गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार आखिरकार मंगलवार को सलाखों के पीछे पहुंच ही गए। वो पिछले सात महीने से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में फरार चल रहे थे। पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने पटना के सिविल कोर्ट में सरेंडर किया है।

फरार IPS अधिकारी आदित्य कुमार ने पटना सिविल कोर्ट में किया सरेंडर, दोस्त को चीफ जस्टिस बनाकर DGP से पैरवी कराने के बाद से थे फरार

PATNA: गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार आखिरकार मंगलवार को सलाखों के पीछे पहुंच ही गए। वो पिछले सात महीने से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में फरार चल रहे थे। पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने पटना के सिविल कोर्ट में सरेंडर किया है। सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद कोर्ट के आदेश पर उन्होंने पटना के आर्थिक अपराध के विशेष न्यायालय में आत्मसमर्पण कर नियमित जमानत की अर्जी दायर की। जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों को सुनने के बाद उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी गई है। कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेते हुए बेउर जेल भेज दिया है।

आपको बता दें कि आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 6 दिसंबर तक का समय दिया था। हालांकि, पूर्व आईपीएस ने उससे पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया है।

आपको बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार ने अपने ऊपर दायर शिकायतस खत्म कराने और बेहतर पोस्टिंग के लिए अपने दोस्त अभिषेक कुमार से डीजीपी को फोन करवाया था। आदित्य कुमार पर शराब माफिया से सांठ गांठ कर अवैध कमाई करने का भी आरोप है।

उनके शातिर दोस्त अभिषेक ने खुद को को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बताते हुए बिहार के तत्कालीन DGP एसके सिंघल को फोन कराने कर आदित्य को लाभ पहुंचाने के लिए कहा था। डीजीपी सिंघल को पता भी नहीं चला कि उन्हें फोन करने वाला कोई शातिर था। वे प्रभाव में आने लगे थे और सर कहकर बात करते थे। लेकिन समय रहते असलियत सामने आ गई। आदित्य का दोस्त अभिषेक पहले गिरफ्तार हो चुका है। वह व्हाट्सएप के जरीय बड़े-बड़े लोगों को चूना लगा देता था।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट भी मांगी है और IPS आदित्य कुमार को इस मामले में अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया था। उसके बाद मजबूर होकर आदित्य कुमार को समर्पण करना पड़ा है।

पटना से अजय कुमार की रिपोर्ट