पटना में कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे भू-माफिया, पटना पुलिस के संरक्षण में कर रहे सरकारी जमीन कब्जा
बिहार में माफियाओं पर शिकंजा कसने की नीतीश सरकार भले दम भरती हो, लेकिन ऐसा लगता है मानो सारी कार्रवाई सिर्फ कागज तक ही सीमित रह जाती है। क्योंकि प्रदेश में बालू, जमीन और शराब माफियाओं का कारोबार दिन दोगुना तो रात चौगुना फल-फूल रहा है
PATNA: बिहार में माफियाओं पर शिकंजा कसने की नीतीश सरकार भले दम भरती हो, लेकिन ऐसा लगता है मानो सारी कार्रवाई सिर्फ कागज तक ही सीमित रह जाती है। क्योंकि प्रदेश में बालू, जमीन और शराब माफियाओं का कारोबार दिन दोगुना तो रात चौगुना फल-फूल रहा है। जिसमें राजधानी पटना के राजीव नगर की बेशकीमती जमीनों पर जमीन माफियाओं की विशेषकर कड़ी नजर है। इसमें थाना की भी भूमिका संदेह के दायरे में है। नेपाली नगर में हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है। हैरत की बात तो ये है कि थाने की गाड़ी लगा कर निर्माण कार्य हो रहा है। बड़े-बड़े बल्ब जलाकर, भारी मशीन की शोर में मकान की ढ़लाई अवैध रुप से की जा रही है। हाई कोर्ट के आदेश की पालना आखिर कौन करे, यहां तो जिनपर रोकने की जिम्मेवारी है उनकी ही गाड़ी खड़ा कर अवैध काम हो रहा है।
राजीव नगर थाने की पुलिस पर संरक्षण का आरोप
आपको बता दें कि पटना के राजीव नगर इलाके में स्थित नेपाली नगर में नए निर्माण कार्य पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। उच्च न्यायालय ने नए घरों का निर्माण करने वालों पर राज्य सरकार और आवास बोर्ड को कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दे रखा है। इसके बावजूद राजीव नगर के नेपाली नगर में हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है। हैरत की बात तो ये है कि ये निर्माण राजीव नगर थाने की पुलिस की गाड़ी लगा कर किया जा रहा है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि हाई कोर्ट ने सरकार से कहा था कि पुलिस-प्रशासन असली भूमाफिया को पकड़े, जिन्होंने वहां अवैध निर्माण कराए है। यहां तो स्थिति है कि जिन पर निर्माण रोकने की जिम्मेवारी है उनकी गाड़ी लगाकर रात के अंधेरे में मकान की ढ़लाई की जा रही है। थाने को भनक कैसे लगेगी जब थाने की गाड़ी वहीं लगी हो। आखिर रात के अधेरे में राजीव नगर थाने की गाड़ी वहां क्या कर रही थी। सवाल है कि निर्माण अगर रोकने गई थी तो काम हो कैसे रहा था। ढ़लाई का काम बड़े स्तर पर होता है ,छुप कर करना संभव नहीं है। ऐसे में राजीव नगर थाने पर बड़ा आरोप लगाया जा रहा है।
बताते चलें कि किसानों को आवास बोर्ड से मुआवजा लेकर बोर्ड को ही जमीन देनी है। लेकिन, किसान प्राइवेट लोगों को सस्ती जमीन बेच चुके हैं। अब उसी अधिगृहीत जमीन पर लोग मकान का निर्माण करा रहे हैं। इसी को लेकर वैसे निर्माण करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
पहले भी राजीव नगर में जमीन को लेकर विवाद हो चुका है। स्थानीय लोग शुरू से विरोध करते रहे हैं। अधिग्रहण में राजीव नगर की तरफ आवास बोर्ड को पैसा लेकर जमीन अधिग्रहण मुक्त करना है। जबकि, नेपाली नगर की तरफ 400 एकड़ जमीन में आवास बोर्ड टाउनशिप बनाने की योजना है।
रात के अंधेरे में थाने की गाड़ी लगा कर हो रहा था अवैध काम
हाई कोर्ट ने पहले हीं कहा है कि नया निर्माण कार्य कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ राज्य सरकार और आवास बोर्ड कानून के तहत कार्रवाई करे। लेकिन यहां स्थिति तो ये है कि थाने की गाड़ी के साए में बड़े- बड़े बल्प लगा कर तेज आवाज करने वाले गिट्टी-सिमेंट मिलाने की मशीन लगाकर देर रात को ढ़लाई कराया जा रहा है। रोकेगा कौन जब कथित तौर पर राजीव की थाना पुलिस हीं साथ हो। सवाल इसलिए की थाने की गाड़ी साफ दिख रही है जहां ढ़लाई हो रहा है। सवाल है कि आखिर वहां देर रात को वहां पुलिस की गाड़ी क्यों लगी थी। अगर अवैध निर्माण रोकने गई थी तो काम धड़ल्ले से हो कैसे रहा था।ऐसे में राजीव नगर थाना पुलिस की भूमिका संदिग्द मानी जा रही है। वहीं कोर्ट के आदेश की धज्जी उड़ाई जा रही है।
पटना से अजय कुमार की रिपोर्ट