भागलपुर के इस स्कूल में शिक्षक ने छात्र-छात्राओं को जमकर पीटा, क्यों रणक्षेत्र बना दोगच्छी मध्य विद्यालय..?

भागलपुर के नाथनगर स्थित दोगच्छी मध्य विद्यालय में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब बीपीएससी परीक्षा पास एक शिक्षक ने अपना आपा खो दिया, और स्कूल में जमकर उत्पात मचाया। छात्र-छात्राओं को जमकर पीटा, बचाने आए प्रधानाध्यापक पर भी हमला बोल दिया।

भागलपुर के इस स्कूल में शिक्षक ने छात्र-छात्राओं को जमकर पीटा, क्यों रणक्षेत्र बना दोगच्छी मध्य विद्यालय..?
Image Slider
Image Slider
Image Slider

BHAGALPUR : भागलपुर के नाथनगर स्थित दोगच्छी मध्य विद्यालय में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब बीपीएससी परीक्षा पास एक शिक्षक ने अपना आपा खो दिया, और स्कूल में जमकर उत्पात मचाया। छात्र-छात्राओं को जमकर पीटा, बचाने आए प्रधानाध्यापक पर भी हमला बोल दिया। जब स्कूल में जिला परिषद सदस्य समेत अन्य लोग पहुंचे तो शिक्षक उनसे भी उलझ गया और अभद्रता करने लगा। बाद में किसी तहर शिक्षक को काबू किया गया। शिक्षक का आरोप है कि वह दिव्यांग है और उसे स्कूल के बच्चे चिढ़ाते थे। 

बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश रहने वाले बीपीएससी पास शिक्षक संवेद्र कुमार ने अपना मानसिक संतुलन इस कदर खो दिया कि स्कूल में पुलिस बुलानी पड़ी। छात्र-छात्राओं को इस तरह बेरहमी से पीट रहा था जैसे उनकी जान ही ले लेगा। मामला बिगड़ता देख ग्रामीणों ने डायल 112 की पुलिस को फोन पर सूचना दी। इसके बाद भी वो शांत होने को तैयार नहीं था। शिक्षक का कहना था कि बच्चे उन्हें लंगड़ा कहकर आएदिन चिढ़ाते रहते है। इसी बात को लेकर उन्होंने बच्चों को पीटा था। प्रिंसिपल अरुण कुमार की माने तो घटना उस वक्त घटी जब अभिभावक व जिप सदस्य धनंजय मंडल बच्चे के पीटने की शिकायत लेकर स्कूल पहुंचे और शिक्षक सवेंद्र कुमार ने बेकाबू होकर ईंट-पत्थर उनपर फेंकना शुरू कर दिया। 

जब उग्र शिक्षक की मां से प्रिंसिपल ने फोन पर बात की, तो उन्होंने बताया कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है, आगरा से दवा चलने की बात भी सामने आई। वहीं, शिक्षक सवेंद्र कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि बच्चों ने उन्हें लंगड़ा कहकर चिढ़ाया था, जिस कारण उन्होंने बच्चों की पिटाई की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दोगच्छी के लोगों ने उन्हें बुरी तरह से हाथ-पैर बांधकर पीटा और घायल कर दिया। अब पुलिस मामले की छानबीन कररही है।

 बड़ा सवाल यह कि अगर शिक्षक वाकई मानसिक रूप से विक्षिप्त था तो उसकी पोस्टिंग इस विद्यालय में कैसे की गई। उधर, बच्चों ने इस बात से इनकार किया है कि वे किसी तरह की अभद्र बात शिक्षक के खिलाफ बोलते थे। शिक्षक ने सिर्फ शक के आधार पर उनकी पिटाई की है। विरोध करने पहुंचे प्रिंसिपल, ग्रामीण समेत जिला परिषद सदस्य तक को नहीं बख्शा, उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया।