नंवबर में रैली द्वारा शक्ति प्रदर्शन चुनाव से पहले: एकजुट करेंगे चिराग और जीतन राम मांझी दलित वोट बैंक को, दिखाएंगे आनंद मोहन भी अपनी ताकत
नवंबर में बिहार की राजनीति लोकसभा चुनाव से पहले खास होने वाली है। बिहार की दो पार्टियां इस माह जो दलित वोट बैंक पर दावा करती है वह रैली करने जा रही हैं।
नंवबर में रैली द्वारा शक्ति प्रदर्शन चुनाव से पहले: एकजुट करेंगे चिराग और जीतन राम मांझी दलित वोट बैंक को, दिखाएंगे आनंद मोहन भी अपनी ताकत
NBC24 DESK - नवंबर में बिहार की राजनीति लोकसभा चुनाव से पहले खास होने वाली है। बिहार की दो पार्टियां इस माह जो दलित वोट बैंक पर दावा करती है वह रैली करने जा रही हैं। पटना के गांधी मैदान में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) की ओर से स्थापना दिवस के मौके पर 28 नवंबर को रैली की जाएगी तो वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा भी इसी महीने गांधी मैदान में अपनी ताकत को दिखाने के लिए रैली निकलेगी। शुक्रवार को पार्टी कोर कमिटी की बैठक में रैली करने की सहमति हुई है। पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन भी घोषणा कर चुके हैं कि नवंबर में पटना के गांधी मैदान में सवर्ण वोट बैंक को महागठबंधन के पक्ष में मजबूत करने के लिए रैली करेंगे। अगर बात करें लोजपा (रामविलास) की तो इनका स्थापना दिवस है परंतु बाकी पार्टियां नवंबर के महीने को इसलिए पसंद कर रही हैं कि क्युकि उस समय ठंड की शुरुआत होगी। साथ ही धूप में आयोजन करना आसान भी रहेगा। इसके साथ ही धनकटनी आदि के बाद लोग गांवों में फ्री भी होंगे और रैली में बढ़-चढ़ कर हिस्सा भी ले सकेंगे। वहीं अगर बात दलित राजनीति की करें तो बिहार में दलितों का वोंट बैंक 16 फीसदी के लगभग है। इस वोट बैंक पर जीतन राम मांझी के साथ-साथ चिराग पासवान की भी नजर है। इसके साथ ही बिहार में सिर्फ 6 ऐसे लोकसभा क्षेत्र हैं जिसमें आरक्षित सीट हैं। साथ ही ये सीटें हैं सासाराम, गया, जमुई, हाजीपुर, गोपालगंज एवं समस्तीपुर की। इसलिए ये बात तो तय है कि इन सीटों पर दोनों लोजपा और हम पार्टी मजबूत उम्मीदवार देने की पूरी कोशिश करेंगे।