बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग पर बड़ा खुलासा! मांझी बोले- तेजस्वी यादव ने 50-50 लाख रुपये लेकर करोड़ों कमाये

म प्रमुख जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर सोमवार को बड़ा आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि तेजस्वी यादव ने बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग में करोड़ों रुपये कमाए हैं।

बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग पर बड़ा खुलासा! मांझी बोले- तेजस्वी यादव ने 50-50 लाख रुपये लेकर करोड़ों कमाये

PATNA: 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अब सारी राजनीतिक पार्टियां चुनावी अखाड़े में उतर चुकी है। सभी राजनीतिक योद्दा अपनी-अपनी गोटियां सेट करनी शुरु कर दी है। राजनीतिक का प्रयोगशाला कहे जाने वाले बिहार के राजनीतिक तवा पहले से आग की भट्टी पर तप रहा है... पक्ष हो या विपक्ष ताबड़तोड़ सभी बड़ी-बड़ी रैलियों से लेकर रोड-शो करने में जुट चुके हैं। इन्हीं सबके बीच हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर सोमवार को बड़ा आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि तेजस्वी यादव ने बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग में करोड़ों रुपये कमाए हैं।

दरअसल, सोमवार(26 फरवरी) को जीतन राम मांझी पत्रकारों से बात कर रहे थे, तभी उन्होंने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर शिक्षक नियुक्ति की वो (तेजस्वी यादव) बात करते हों तो मैंने तो कहा है कि आज 21 लाख एकड़ जमीन भूदान, सीलिंग और बिहार सरकार की है। हमारे यहां मात्र 13 या 14 लाख परिवार ऐसे हैं जिनके पास एक धुर जमीन नहीं है। अगर बंटवा देते वो (तेजस्वी यादव) तब हम मानते। राजस्व विभाग उनके ही पास था, तो वो तो ट्रांसफर पोस्टिंग में पड़े थे जिसको मुख्यमंत्री ने बंद कर दिया।

मांझी ने कहा कि इससे क्या साबित होता है कि मुख्यमंत्री का चलता है कि मंत्री का? इससे भी वो नहीं समझते हैं? अगर चलता तो आज सभी अंचलाधिकारी से 50-50 लाख रुपया लेकर हजारों करोड़ रुपया कमा लिए थे लोग, आज नतीजा होता कि सबकी पोस्टिंग हो जाती, लेकिन नीतीश कुमार ने रोक दिया. मुख्यमंत्री का वर्चस्व होता है। नियुक्ति में भी वही होता है। जब नीतीश कुमार नहीं चाहेंगे तो तेजस्वी यादव एक नियुक्ति नहीं कर सकते थे. आज जाकर क्या कह रहे हैं कि 17 महीने में हमने ये कर दिया।

'बजट सेशन छोड़कर भाग गए...'

जीतन राम मांझी ने आगे कहा, "तेजस्वी यादव को चिंता करनी चाहिए थी तो बजट सेशन छोड़कर भाग गए हैं. बाहर जाकर उल-जुलूल बात कर रहे हैं। उनके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि वो क्या कहते हैं कि मैंने 17 महीने में सब कुछ किया। क्या मुख्यमंत्री नहीं होता है? वो तो उपमुख्यमंत्री थे। उपमुख्यमंत्री कोई संवैधानिक पद होता है? ये अलग बात है कि उनको पांच विभाग दे दिया गया था." मांझी ने कहा कि उसका भी पता चलेगा कि कौन क्या-क्या किया. जो मूर्ख है वो उनकी (तेजस्वी यादव) बात को समझता है और जिनको संविधान का ज्ञान है वो हंसता है कि मुख्यमंत्री हर चीज के लिए जिम्मेदार है. मंत्री कौन होता है कि कहता है 17 महीने में हमने ये कर दिया.