सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ नवादा में भारत बन्द का जोरदार असर, एससी/एसटी संघर्ष मोर्चा, भीम आर्मी और दलित संगठनों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों ने किया समर्थन

अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा द्वारा बुधवार को नवादा में भारत बंद शांतिपूर्ण तरीके के किया गया। अध्यक्ष संजय पासवान उर्फ़ डी. सी नेतृत्व में अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण के साथ छेड़छाड़ के विरोध में 21 अगस्त बुधवार को भारत बन्द नवादा बंद किया गया

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ नवादा में भारत बन्द का जोरदार असर,  एससी/एसटी संघर्ष मोर्चा, भीम आर्मी और दलित संगठनों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों ने किया समर्थन

NAWADA: अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा द्वारा बुधवार को नवादा में भारत बंद शांतिपूर्ण तरीके के किया गया। अध्यक्ष संजय पासवान उर्फ़ डी. सी नेतृत्व में अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण के साथ छेड़छाड़ के विरोध में 21 अगस्त बुधवार को भारत बन्द नवादा बंद किया गया । एससी/एसटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संजय कुमार उर्फ़ डी सी पासवान नें कहा की आरक्षण से छेड़छाड़ बर्दास्त नहीं होगा। यह फैसला दलित और आदिवासी विरोधी है जिससे पुरे भारत में आक्रोश है। एससी/ एसटी संघर्ष मोर्चा सचिव चंदन चौधरी ने कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक आधार पर नहीं मिला था, जो क्रीमीलेयर लागु करेंगे बल्कि सामाजिक शोषण छुआछूत के आधार पर आरक्षण दिया गया था। इसलिए अभी हमलोगो को पचास साल और आरक्षण देना होगा, तभी हमारा दलित आदिवासी समाज के मुख्य धारा में आएंगे। नेता विष्णुदेव पासवान  में कहा हम दलित /महादलित समाज आरक्षण के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। अभी हमारा समाज काफी पिछड़ा है ,क्रीमीलेयर और  दलित कोटा को बांटने की जो साजिश किया जा रहा है उसे हमलोग जमकर विरोध करते हैं।

दलित मानवाधिकार के राज्य समन्वयक धर्मदेव पासवान ने सुप्रीम कोर्ट पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने कहा सरकार और सुप्रीम कोर्ट देश में आरजकता फैलाना चाह रही है। बार -बार हमलोगों को उकसाया जा रहा है। संविधान में बाबा साहब डॉ .भीम राव अंबेडकर ने समानता का अधिकार के तहत आरक्षण दिया था ,ताकि दलित/महादलित समाज के साथ जो छुआछूत और भेदभाव है, उसे समाप्त किया जाय। लेकिन समाज के कुछ दलित विरोधी नेताओं के चापलूसी के चलते आज हमारे संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है और महादलितों को अलग-अलग श्रेणी में बांटा जा रहा है। हम हरगिज सुप्रीम कोर्ट और सरकार के ऐसे घटिया नीति को नहीं मानेंगे और अपनी हक की लड़ाई हमलोग खुद लड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट को बैकफुट पर जाना होगा , अगर ऐसा नहीं होता है तो हमलोग  चरणबद्घ आंदोलन करेंगे। सरकार और सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला वापस लेना पड़ेगा, नहीं तो हमलोग दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बंद समर्थकों में सुबोध कुमार उर्फ़ जौनी रविदास 28 न. वार्ड पार्षद प्रतिनिधि,पड़कन चौधरी,धर्मदेव पासवान दलित मानवाधिकार, बिल्लू चौधरी, अरविन्द दास, लक्की पासवान, सीता राम चौधरी,संजय रविदास, अनुज चौधरी, उमेश चौधरी, प्रो. अयोध्या पासवान, प्रो. बिशुनदेव पासवान,राज किशोर दास, मानवाधिकार, बिल्लू चौधरी, चन्द्रिका चौधरी अध्यक्ष पासी समाज, वार्ड पार्षद सुनील देवी पासवान समाज रविदास समाज,मांझी समाज के अलावे कई लोग शामिल हुए।

नवादा से सुनील कुमार की रिपोर्ट