क्यों खास है भारत का राजदंड "संगोल"? जिसे नए संसद भवन में स्पीकर के आसन के पास लगाया जाएगा..

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस संसद भवन को बनाने में योगदान देने वाले श्रमयोगियों का प्रधानमंत्री मोदी सम्मान करेंगे|

क्यों खास है भारत का राजदंड "संगोल"?  जिसे नए संसद भवन में स्पीकर के आसन के पास लगाया जाएगा..

NBC24 DESK:- नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस संसद भवन को बनाने में योगदान देने वाले श्रमयोगियों का प्रधानमंत्री मोदी सम्मान करेंगे. उन्होंने कहा कि इस मौके पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी. इसके पीछे युगों से जुड़ी परंपरा है. इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न होता है.

अमित शाह ने बताया सेंगोल का इतिहास

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सेंगोल का इतिहास बताते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी. इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को जानकारी नहीं है. यह सेंगोल ने एक अहम भूमिका निभाई थी. यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. आप सभी को आश्चर्य होगा कि इतने साल तक यह आपके सामने क्यों नहीं आया. इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो उन्होंने गहन जांच करवाई. इसके बाद इसे देश के सामने रखने कै फैसला किया गया.

सेंगोल के लिए संसद भवन से अधिक पवित्र स्थान कहीं नहींः अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस पवित्र सेंगोल को संग्रहालय में रखना अनुचित है. सेंगोल के आवास के लिए संसद भवन से अधिक उपयुक्त, पवित्र और उपयुक्त स्थान कोई नहीं हो सकता. इसीलिए संसद भवन के राष्ट्र समर्पण के दिन हमारे प्रधानमंत्री बड़ी विनम्रता के साथ तमिलनाडु अधिनाम के माध्यम से सेंगोल को स्वीकार करेंगे.

स्पीकर के आसन के पास स्थापित होगा सेंगोल

अमित शाह ने बताया कि जब लॉर्ड माउंट बैटेन ने पंडित नेहरू से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया के बारे में पूछा था तो सी राजगोपालचारी मे सेंगोल की परंपरा के बारे में बताया था. इस तरह से संगोल की प्रक्रिया तय हुई थी. इसके बाद तमिलनाडु से पवित्र सेंगोल लाया गया था. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि जब संसद भवन देश को समर्पित होगा तभी पीएम मोदी तमिलनाडु से आए हुए अधीनम से सेंगोल को स्वीकार करेंगे और स्पीकर के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय, विशेषकर तमिल संस्कृति में सेंगोल का बहुत महत्व है. उन्होंने कहा, “चोल वंश के समय से ही संगोल का महत्व रहा है. इस सेंगोल को नई संसद में रखा जाएगा.’ उन्होंने कहा, “यह एक मूलभूत घटना होने जा रही है, और यह भारत में अमृत काल को चिन्हित करेगी.”

प्रेस वार्ता में कई केंद्रीय मंत्री रहे मौजूद

प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय सूचना और प्रसारण और युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित थे. ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में 1.36 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें “हर घर तिरंगा”, “वंदे भारतम” और “कलंजलि” जैसे कई बड़े कार्यक्रम शामिल हैं.