स्वामी रामभद्राचार्य ने सीएम नीतीश को बताया मूर्ख, बोले- जीभ क्यों नहीं काटी? इतना अशिष्ट को लालू यादव भी नहीं..
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। विपक्ष के विरोध और इस्तीफा की मांग के बाद अब चित्रकुट के तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने उनके बयान की आलोचना की है। उन्होंने नीतीश कुमार की जीभ काट लेने तक की बात कह दी।
PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। विपक्ष के विरोध और इस्तीफा की मांग के बाद अब चित्रकुट के तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने उनके बयान की आलोचना की है। उन्होंने नीतीश कुमार की जीभ काट लेने तक की बात कह दी। संत ने कहा कि लालू यादव भी इस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करते हैं। उन्होंने नीतीश कुमार मुर्ख तक बता दिया।
दरअसल, पश्चिम चंपारण के रामनगर में रामकथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन किया गया था। जिस दौरान चित्रकुट के तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने नीतीश कुमार के विवादित बयान की आलोचना की। स्वामी रामभद्राचार्य ने सभा में बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री को क्या हो गया है, यह समझ नहीं आ रहा है। उनकी इस गलती पर राज्यपाल को तत्काल एक्शन लेना चाहिए और उन्हें उन्हें बर्खास्त करना चाहिए था। बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। रामभद्राचार्य ने कहा कि इतना निम्न कोटि का भाषण उन्होंने अपने जीवन में आज तक कभी नहीं सुना। बिहार में बड़े अच्छे लोग हुए, बिहार मूर्ख नहीं है। इतनी अशिष्टता लालू यादव ने भी अपने वक्तव्य में कभी नहीं की है।
संत ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने पूरी शिष्टता को ताक पर रख दिया। वे क्या चाहते हैं यह समझ नहीं आ रहा है। रामायण काल में किसी ने इतना अशिष्ट नहीं बोला था। महाभारत काल में भी सिर्फ दुर्योधन ने द्रौपदी के लिए कहा था, लेकिन वो भी इतना अशिष्ट नहीं था। बिहार का सदन काम शास्त्र की व्याख्या का सदन नहीं है बल्कि नीति शास्त्र के बारे में बात करने का सदन है।
मुख्यमंत्री द्वारा माफी मांगे जाने को लेकर भी स्वामी रामभद्राचार्य ने हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब क्षमा मांगने से क्या होता है। मां को गाली देकर माफी मांग लो, ये क्या बात हुई। मुख्यमंत्री जब भाषण दे रहे थे तभी उनकी जीभ क्यों नहीं काट दी गई। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जो सदन में कह रहे थे वो कुत्तों की व्याख्या है। जानवर भी शिष्टता रखते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने हद पार कर दी।