गया की BCA पास स्वीटी को नहीं मिली मनचाही नौकरी तो खोला टी-स्टॉल, अब बिजनेस वुमन बन पूरी करेगीं सपने...
बिहार के गया में BCA चाय वाली चर्चा में है। चर्चा में इसलिए है, कि बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) का कोर्स करने के बाद भी इस लड़की ने अच्छी नौकरी नहीं मिली तो हिम्मत दिखाते हुए चाय की दुकान खोल दी है। चाय की दुकान खोलने के बाद यह अपने लक्ष्य को पाने के लिए भी प्रयासरत है और अब बिजनेस से संबंधित कोर्स की पढ़ाई जारी रखी है।
GAYA: बिहार के गया में BCA चाय वाली चर्चा में है। चर्चा में इसलिए है, कि बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) का कोर्स करने के बाद भी इस लड़की ने अच्छी नौकरी नहीं मिली तो हिम्मत दिखाते हुए चाय की दुकान खोल दी है। चाय की दुकान खोलने के बाद यह अपने लक्ष्य को पाने के लिए भी प्रयासरत है और अब बिजनेस से संबंधित कोर्स की पढ़ाई जारी रखी है।
बोधगया में खुला BCA चाय वाली की दुकान
गया के बोधगया में BCA चाय वाली की दुकान खुली है। चाय की दुकान खोलने वाली लड़की का नाम स्वीटी राज है। यह औरंगाबाद की मूल रूप से रहने वाली है। इसकी पढ़ाई मुख्यतः गया में ही हुई। गया के गया कॉलेज से इसमें वर्ष 2016 में ही बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स पूरा किया था। कोर्स पूरा करने के बाद वह नौकरी की तलाश में रही। नौकरियां भी लगी, किंतु सरकारी नहीं मिल पाई तो निजी नौकरी करके जो अनुभव प्राप्त किया, उसके बाद उसने नौकरी करने से तौबा जरूर कर लिया है। उसका कहना है कि वह बिजनेसमैन बनना चाहती है। इसके लिए वह अब भी बिजनेस का कोर्स की पढ़ाई कर रही है।
किसान की बेटी है स्वीटी राज
स्वीटी राज औरंगाबाद के रहने वाले किसान की बेटी है। वह गया के बोधगया में आराम से चाय की दुकान चला रही है। बीसीए की डिग्री के बावजूद चाय की दुकान खोलने के बाबत वह बेबाक बातें बोलती है। स्वीटी कहती है कि उसने बीसीए करने के बाद पटना और चंडीगढ़ में नौकरियों की। चंडीगढ़ में पेटीएम पेमेंट में कस्टमर सर्विस सेवा जुड़ी थी, लेकिन इन दोनों नौकरियों में ही उसे अच्छी पगार नहीं मिली। इन हैंड महज 11 हजार की नौकरी से कुछ होना नहीं था। ऐसे में उसने अब नौकरी करने से तौबा कर लिया है। वह अब भी पढ़ाई कर रही है, लेकिन बिजनेस की दृष्टि से उसकी आगे की पढ़ाई जो चल रही है। उससे वह आने वाले दिनों में संंभव हुआ तो और बङा बिजनेस शुरू करेगी।
छोटे बिजनेस से बड़ा लक्ष्य पाने की कवायद
स्वीटी की कवायद छोटे बिजनेस से बड़ा लक्ष्य पाने की है। उसे चाय की दुकान चलाने में कोई संकोच नहीं है। वह कहती है कि वह किसी से बिना मतलब डरती नहीं है और जो डरते नहीं है उसे लोग डराते भी नहीं है। इसे वह चरितार्थ कर रही है। उसका कहना है, कि यदि हमें कोई तंग करेगा तो मैं भी उसे छोडूंगी नहीं। फिलहाल में स्वीटी बेखौफ होकर आज के परिवेश के बीच भी चाय की दुकान चल रही है। बीसीए डिग्री लिए स्वीटी छोटी चाय की दुकान खोलकर बिजनेस के बड़े लक्ष्य को पाना चाहती है।
घर में बैठने से कोई रोड मैप नहीं देता, बाहर में निकलेंगे तो लक्ष्य मिलेगा ही
स्वीटी राज बताती है कि घर में बैठने से कोई रोड मैप भी नहीं देता है। बाहर में निकलेंगे तो रोड मैप मिलेगा। तरह-तरह की सीख भी मिलेगी। वह बताती है कि एक सफल बिजनेसमैन बनना लक्ष्य है और चाय की दुकान उसकी एक छोटी सी शुरुआत जरूर है, लेकिन आगे की पढ़ाई बड़े बिजनेसमैन के तौर पर करना चाहती है। वह बताती है, कि वह अब भी पढ़ रही है, लेकिन बिजनेस से संबंधित कोर्स ही कर रही है। वह जरा भी दुखी या मायूस नहीं है, कि उसने चाय की दुकान खोली है, बल्कि उसे खुशी है कि उसने छोटी सी चाय की दुकान के साथ अपने बिजनेस लक्ष्य की शुरुआत कर दी है।
गया से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट