छपरा हिंसा मामले में एक्शन शुरु, राबड़ी देवी के बॉडीगार्ड को एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से किया निलंबित
प्रदेश की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के बॉडीगार्ड को निलंबित कर दिया गया है। अनधिकृत रूप से सारण लोकसभा क्षेत्र की प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के साथ चुनाव के दिन परिभ्रमण के आरोप में पटना जिला बल के सिपाही जितेंद्र सिंह शुक्रवार (24 मई) को सस्पेंड किया गया है।
PATNA: छपरा हिंसा मामले में गठित एसआईटी की टीम ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। गुरुवार को जहां राबड़ी आवास पहुंचकर एसआईटी की टीम ने देर शाम तक जांच की। अंगरक्षक के बारे में एसआईटी ने पूरी जानकारी ली। वहीं अब इस मामले में पहला एक्शन लिया गया है। प्रदेश की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के बॉडीगार्ड को निलंबित कर दिया गया है। अनधिकृत रूप से सारण लोकसभा क्षेत्र की प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के साथ चुनाव के दिन परिभ्रमण के आरोप में पटना जिला बल के सिपाही जितेंद्र सिंह शुक्रवार (24 मई) को सस्पेंड किया गया है। उन पर सारण एसएसपी से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
दरअसल इस मामले में बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिसके बाद गुरुवार को सारण पुलिस की एसआईटी ने राबड़ी आवास पहुंचकर काफी देर तक मामले की जांच की। अंगरक्षक के बारे में एसआईटी ने पूरी जानकारी ली। बीजेपी ने जो शिकायत की थी उसमें कहा गया था कि रोहिणी आचार्य पूर्व सीएम राबड़ी देवी के बॉडीगार्ड का इस्तेमाल कर रही हैं, जो आचार संहिता का उल्लंघन है। मां को सुरक्षा में मिले एस्कॉर्ट का दुरुपयोग करना उचित नहीं है, रोड शो में पूर्व सीएम राबड़ी देवी के गार्ड सिपाही जितेंद्र सिंह रोहिणी आचार्य के साथ दिखे थे।
रोहिणी आचार्य पर और भी मामले दर्ज
बता दें कि इससे पहले रोहिणी आचार्य पर सारण पुलिस ने 20 मई नगर थाना क्षेत्र के बूथ नंबर 318, 319 पर बवाल को लेकर भी मामला दर्ज किया है। बीजेपी कार्यकर्ता मनोज सिंह ने नगर थाना में आरडेडी उम्मीदवार रोहिणी आचार्य के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने रोहिणी आचार्य के खिलाफ धारा 307, 171C, 188, ROP एक्ट लगाया है। नगर थाना में केस नंबर 349/2024 दर्ज किया गया है। रोहिणी आचार्य के अलावा आरजेडी के पूर्व एमएलए भोला यादव समेत 8 लोगों पर केस दर्ज हुआ था। यानी देखा जाए तो रोहिणी आचार्य की मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। इससे पहले पटना हाईकोर्ट में भी एक याचिका बीजेपी की ओर से डाली गई है, जिसमें नामंकन के समय गलत जानकारी देने का आरोप है।