पटना डीएम का के के पाठक को नसीहत, धारा 144 शिक्षा विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर, कहा- पहले पढ़ें नियम तब..
बिहार के सरकारी शिक्षकों पर हंटर चलाने को एक बार फिर बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ‘हिटलर’ के के पाठक लंबी छुट्टी के बाद अपने काम पर लौट चुके हैं
PATNA: बिहार के सरकारी शिक्षकों पर हंटर चलाने को एक बार फिर बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ‘हिटलर’ के के पाठक लंबी छुट्टी के बाद अपने काम पर लौट चुके हैं। अपना पद संभालते ही के के पाठक ने हाड़ कंपाने वाली ठंड से ठिठुरते छोटे बच्चों के स्कूल की छुट्टियों जहां कैंसिल कर दिया, वहीं उन्होंने सभी जिलों के डीएम और कमिश्नर को चिट्ठी भेज कर निर्देश दिया कि स्कूल खोले जाएं। जिसके बाद पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर और के के पाठक के बीच जारी आदेश को लेकर ठन गई है। दोनों ओर से पत्र वार जारी है।
आपको बता दें कि बीते 17 जनवरी को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव छुट्टी से लौटे थे। जिसके बाद स्कूलों में की गई छुट्टियों को गैरकानूनी करार दिया था और छुट्टी का आदेश वापस लेने का निर्देश दिया था। गौरतलब है कि बिहार में पिछले कई दिनों से शीतलहर का प्रकोप जारी है। इसे देखते हुए कई जिलों के डीएम ने क्लास 1 से 8 तक के स्कूलों को बंद कर दिया था।
केके पाठक का चंद्रशेखर से 36 का आंकड़ा जारी है। लगता है कि चंद्रशेखर से विवाद उनकी कुंडली में है। लेकिन इस बार उनके सामने प्रोफेसर चंद्रशेखर नहीं बल्कि डॉक्टर चंद्रशेखर हैं। केके पाठक का अपने विभागीय मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के साथ टकराव पुरानी बात हो चुकी है। अब पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह और केके पाठक आमने-सामने आ गए हैं। मंगलवार से स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा विभाग के पत्र का जवाब पटना डीएम ने नया पत्र भेज कर दिया है।
जिलाधिकारी ने धारा 144 के तहत अपने अधिकार का उपयोग करते हुए ठंड के मौसम में स्कूलों में बनने की घोषणा कर दी थी। केके पाठक ने उन्हें न सिर्फ सीआरपीसी धारा 144 का मतलब समझाया बल्कि तंज करते हुए कहा था कि यह कैसी सर्दी है जो सिर्फ स्कूलों में पड़ती है, बाजार में नहीं। उन्होंने हिदायत दी थी कि स्कूलों में छुट्टियां घोषित करने से पहले शिक्षा विभाग से अनुमति ले लें।
केके पाठक का आदेश जारी होने के बाद नालंदा और पटना के जिलाधिकारी ने अपने-अपने जिलों में स्कूल बंदी में विस्तार कर दिया। पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने 23 जनवरी तक जिले के सभी स्कूलों में क्लास एक से आठ तक की पढ़ाई पर रोक लगा दी। केके पाठक इससे नाराज हो गए। सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को चिट्ठी भेज कर आदेशित किया कि सभी स्कूलों का संचालन सुनिश्चित करें। पत्र में पटना जिला अधिकारी के आदेश को यह कहकर गलत बताया गया कि उन्होंने शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं ली थी। इस पर दो आईएएस पदाधिकारी आमने-सामने आ गए हैं।
पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षा निदेशक के पत्र का उत्तर दूसरे पत्र से दिया है। जवाब में पटना डीएम ने लिखा है कि अपने अधिकार और कार्य क्षेत्र से वह वाकिफ हैं। क्षेत्राधिकार के तहत धारा 144 लगाने का अधिकार डीएम को है जो शिक्षा विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसमें शिक्षा विभाग से अनुमति लेने का प्रावधान भी नहीं है। इसे गैर न्यायिक आदेश से ही बदला जा सकता है। शिक्षा विभाग का ताजा आदेश कानून के खिलाफ है। डीएम ने शिक्षा विभाग को नसीहत देते हुए कहा है कि इस मामले में विशेषज्ञ से लीगल ओपिनियन ले सकते हैं। पटना डीएम ने कहा कि है कि कानून में मिले अधिकार और शीत लहर लेकर यह फैसला लिया गया। माना जा रहा है कि पटना डीएम का रुख इस विवाद को और आगे ले जाएगा।