रामनवमी पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पटना के महावीर मंदिर में किए दर्शन, कहा-मैं हर जगह जाऊंगा
रामनवमी के मौके पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पटना के महावीर मंदिर में दर्शन किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज रामनवमी के अवसर पर मैं उन श्रद्धालुओं को, जो यहां पर मौजूद हैं, और बिहार के लोगों व देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। यह ऐसा मौका है, जहां हमें अपनी संस्कृति, अपने आदर्श, अपने मूल्यों का बोध होना चाहिए, और उसी के अनुसार हमारा आचरण होना चाहिए।

PATNA : रामनवमी के मौके पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पटना के महावीर मंदिर में दर्शन किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज रामनवमी के अवसर पर मैं उन श्रद्धालुओं को, जो यहां पर मौजूद हैं, और बिहार के लोगों व देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं।
यह ऐसा मौका है, जहां हमें अपनी संस्कृति, अपने आदर्श, अपने मूल्यों का बोध होना चाहिए, और उसी के अनुसार हमारा आचरण होना चाहिए। आज के दिन मैं आचार्य किशोर कुणाल को भी नमन करता हूं, श्रद्धांजलि देता हूं, और मैं यह मानता हूं कि यह ऐसी जगह है जहां से हम समझ सकते हैं कि धर्म का अर्थ क्या होता है। यह मंदिर कैंसर अस्पताल चला रहा है, बच्चों का अस्पताल चला रहा है, आरोग्यधाम चला रहा है।
यह मंदिर जनकल्याण के काम कर रहा है। धर्म का एक ही अर्थ बताया गया है- जो लोग बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय के लिए काम करें, जो जनकल्याण के लिए काम करें, वही धर्म है। आज सकारात्मक माहौल में नकारात्मक बातों का जिक्र क्यों करें। लेकिन, हम इतना जानते हैं कि जब बिजली चलती है तो उसमें पॉजिटिव भी होता है, और निगेटिव भी होता है। उसे बर्दाश्त करने की क्षमता हम में होनी चाहिए।
हर काल-हर युग में हर तरह के लोग रहे हैं। आपको अपने से मतलब रखना चाहिए कि मेरा दृष्टिकोण क्या है, मेरा व्यवहार क्या है, मेरा तौर-तरीका क्या है। अपनी प्रकृति के अनुसार ही हर आदमी व्यवहार करता है। मेरा आचरण आप देखिए, मेरे आदर्श पुरुष स्वामी विवेकानंद हैं। मैं ईसाई के गिरजा में भी जाऊंगा, मुसलमान की मस्जिद में भी जाऊंगा, मैं हर जगह जाऊंगा, यह मेरा अधिकार है।
पिछले 20 साल से मेरा कोई भाषण ऐसा नहीं होता, जिसमें मैं स्वामी विवेकानंद का जिक्र नहीं करता। मैं जैसा राजभवन में हूं, वैसा ही बाहर हूं। मेरे मंदिर में दर्शन करने पर कोई सवाल खड़ा करता है तो खड़ा करे, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, सबको अपना अधिकार है।