अपनी माँ सोनिया गांधी को करप्ट बताने वाले नितीश कैसे गले लगाएंगे राहुल, स्मृति ईरानी के सवाल से बवाल !
भाजपा के खिलाफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हैं. इसके लिए वे कांग्रेस सहित कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. वहीं 12 जून को विपक्ष की बैठक भी पटना में होनी है. इन सबके बीच अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ऐसा सवाल किया है जिससे नीतीश और राहुल गांधी दोनों परेशान हो सकते हैं !
NBC24 DESK:- स्मृति ईरानी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार सोनिया गांधी को भ्रष्ट कहते रहे हैं. क्या सत्ता की भूख इतनी दैवीय है कि राहुल गांधी उस आदमी को गले लगा लेंगे जो लगातार, लगातार उनकी मां को भ्रष्ट कहता है? आपको बता दे कि जहां तक खुद नीतीश बाबू की बात है, जिस व्यक्ति को अपने राजनीतिक पैरों पर खड़े होने के लिए मदद की जरूरत है, वह आज दूसरों को समर्थन दे रहा है, यह अपने आप में विरोधाभासी स्थिति है.
आपको बता दे कि केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीतश सरकार के 9 साल पूरे होने पर स्मृति ईरानी ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के दौरान नीतीश और राहुल गांधी पर तंज कसा. उन्होंने विपक्षी दल कह रहे हैं कि वे संसद का बहिष्कार करते हैं! साथ ही आपको यह भी कि वे जनता का बहिष्कार कर रहे हैं, मोदी का नहीं, क्योंकि यह जनता का घर है, यह जनता की संसद है. आज विपक्षी पार्टियां इतनी अहंकारी हैं कि हमारे लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर का भी बहिष्कार कर देती हैं, जो एक विशेष राजनीतिक परिवार के अहंकार के बारे में बहुत कुछ बताता है, जो विपक्ष के सपनों का आधार बन गया है. इस अहंकार में वे तमाम दल हैं जो आज विपक्षी एकता की बातें कर रहे है!
दरअसल नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक यात्रा में भाजपा के साथ एक लम्बा समय बिताया है. 1990 के दशक में जब नीतीश ने लालू यादव से नाता तोड़कर समता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया उसके बाद से वे लगातार भाजपा के साथ बने रहे. वर्ष 1996, 1998, 1999 और 2004 का लोकसभा चुनाव भी नीतीश ने भाजपा के साथ रहकर ही जीता. वहीं विधानसभा चुनाव 2000 के बाद पहली बार एक सप्ताह के लिए मुख्यमंत्री भी भाजपा के समर्थन से ही बने. 2005 में जब एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला तब भी नीतीश सीएम बने तो भाजपा उनके साथ ही. इसी तरह 2010 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ मिलकर नीतीश ने बिहार में सरकार बनाई.
हालांकि बाद में नीतीश और भाजपा की दूरियां बढ़ी है! हालांकि वे 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले NDA से अलग हुए उनकी पार्टी जदयू को उस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. बाद में 20 15 के विधानसभा चुनाव में नीतीश ने लालू और कांग्रेस जैसे दलों के साथ मिलकर बिहार में चुनाव लड़ा और नीतीश पीएम बने. हालांकि उनका यह साथ ज्यदा लम्बा नहीं चले और बीच में ही वे फिर से भाजपा के साथ होकर बिहार में सीएम बने रहे. इसका बड़ा लाभ 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू को मिला और पार्टी ने जोरदार सफलता हासिल की. ऐसे में नीतीश और उनकी पार्टी जदयू जब जब भाजपा के साथ रहे वे कांग्रेस पर हमलावर बने रहे.गौरतलब है कि ऐसे में नीतीश के उन्हीं रिश्तों को याद करते हुए अब स्मृति ईरानी ने कहा है कि नीतीश कुमार तो लगातार सोनिया गांधी को भ्रष्ट बताते रहे हैं. अब राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति को गले लगा रहे हैं जो उनकी माँ को भ्रष्टाचार में लिप्त बताते थे.