राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने तोड़ी के के पाठक की अकड़, समीक्षा बैठक में नहीं शामिल हुए वीसी, राजभवन ने किया था मना
बिहार में सरकारी शिक्षकों पर हंटर चलाने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हिटलर के के पाठक की अकड़ बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने तोड़ दी है। राजभवन के रोक लगाने के बाद बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति ने शिक्षा विभाग की बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
PATNA: बिहार में सरकारी शिक्षकों पर हंटर चलाने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हिटलर के के पाठक की अकड़ बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने तोड़ दी है। राजभवन के रोक लगाने के बाद बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति ने शिक्षा विभाग की बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में हिस्सा नहीं लिया। यहां तक कि विश्वविद्यालयों के अन्य पदाधिकारियों ने भी इससे दूरी बनाए रखी। इस बैठक में सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के कुलसचिव शामिल हुए, अन्य किसी भी यूनिवर्सिटी के वीसी या प्रो-वीसी मीटिंग में नहीं आए। अब केके पाठक के अगले कदम पर सबकी नजरें टिक गई हैं।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने बिहार के विश्वविद्यालयों में लंबित परीक्षाओं के मुद्दे पर समीक्षा बैठक आयोजित की। इसमें यूनिवर्सिटी के वीसी, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य पदाधिकारियों को बुलाया गया। इस बैठक की अध्यक्षता केके पाठक ने की। हालांकि, यह मीटिंग पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रही। क्योंकि कुछ वीसी ने राजभवन से जब इस बैठक में शामिल होने की अनुमति मांगी, तो उन्हें मना कर दिया गया।
राजभवन के बैठक में शामिल होने से रोकने के बाद केके पाठक की ओर से एक नया आदेश भी जारी किया गया। इसमें वीसी एवं विश्वविद्यालयों के अन्य पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से इस बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया। विभाग ने कहा कि अगर कोई पदाधिकारी इस बैठक में शामिल नहीं होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।