बिहार में जातिगत आर्थिक सर्वे का आंकड़ा जारी, केवल 7% ही ग्रेजुएट, सामान्य वर्ग में भूमिहार-यादव सबसे गरीब, कायस्थ..? देखें पूरी रिपोर्ट
बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन यानि मंगलवार को नीतीश सरकार ने देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है।
PATNA: बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन यानि मंगलवार को नीतीश सरकार ने देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार हैं।
मंगलवार को सरकार ने जाति के साथ ही आर्थिक आधारित गणना के आंकड़े भी जारी किए। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में कुल 2.76 करोड़ परिवारों की गणना हुई है। इसमें से 94.42 लाख यानी 34.13 फीसदी परिवार ऐसे हैं, जो मुफलिसी में अपना जीवन काट रहे हैं।
बिहार में जाति गणना के दौरान हुए आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट-
आय परिवारों का प्रतिशत
6000 रुपये तक 34.13%
6000 से 10 हजार तक 29.61%
10 हजार से 20 हजार तक 18.06%
20 हजार से 50 हजार तक 9.83%
50 हजार से अधिक 3.90%
आय की जानकारी नहीं 4.47%
देने वाले परिवार
वर्गवार गरीबी के आंकड़े-
वर्ग गरीबों की संख्या
सामान्य वर्ग 25.09%
पिछड़ा वर्ग 33.16%
अति पिछड़ा वर्ग 33.58%
अनुसूचित जाति 42.93%
अनुसूचित जनजाति 42.70%
अन्य जातियाँ 23.72%
जातिवार गरीबी के आंकड़े-
जाति गरीबों की संख्या
दुसाध, धारी, धरही 39%
चमार, मोची 42%
मुसहर 54%
पान, सवासी, पानर 36%
पासी 38%
धोबी, रजक 35%
भुइया 53%
चौपाल 39%
यादव 35%
कुशवाहा, कोइरी 34%
कुर्मी 30%
बनिया 24%
ब्राह्मण 25.32%
भूमिहार 27.58%
राजपूत 24.89%
कायस्थ 13.83%
शेख 25.84%
पठान (खान) 17.61%
तेली 29.87%
मल्लाह 34.56%
कानू 32.99%
धानुक 34.35%
नोनिया 35.88%
चंद्रवंशी (कहार) 34.08%
नाई 38.37%
बढ़ई 27.71%
प्रजापति (कुम्हार) 33.39%