पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने ही शराबबंदी पर उठाए सवाल, कहा-खत्म हो शराबबंदी, बर्बाद हो रहा युवाओं का भविष्य
आरा के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने इसे युवा पीढ़ी के लिए हानिकारक बताते हुए तत्काल हटाने की मांग की है।

AARA : आरा के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने इसे युवा पीढ़ी के लिए हानिकारक बताते हुए तत्काल हटाने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों की जमीन से जुड़ी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया, और क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
दरअसल, रविवार को आरा के बड़हरा प्रखंड के सरैयां में भीखम दास के मठिया प्रांगण में आयोजित एक किसान संगठन के कार्यक्रम में आरके सिंह ने कहा कि बिहार में शराबबंदी से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। आज के युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं और शराब के अवैध धंधे से भी जुड़ रहे हैं। शराबबंदी को हटाने के लिए मैं भी सहमत हूं। उन्होंने आगे कहा कि इस कानून के कारण पुलिस-प्रशासन शराब माफियाओं को पकड़ने में व्यस्त रहती है, जिससे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
बता दें कि आरके सिंह का यह बयान बिहार की राजनीति में हलचल मचा सकता है, क्योंकि शराबबंदी नीतीश कुमार सरकार की एक प्रमुख नीति रही है। 2016 में लागू इस कानून को नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धि के रूप में पेश किया था। आरके सिंह ने जो बात कही, वह बिहार के ग्रामीण इलाकों में एक कड़वी सच्चाई को दर्शाती है। शराबबंदी के बाद अवैध शराब का कारोबार बढ़ा है और इसमें युवाओं की भागीदारी भी देखी जा रही है।
कई युवा आसान कमाई के चक्कर में इस धंधे में शामिल हो रहे हैं, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ रहा है। इसके अलावा, नशे की लत के कारण युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। बिहार पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में शराबबंदी से जुड़े मामलों में 1.5 लाख से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा 18-30 साल के युवाओं का था।