रजौली में संचालित अवैध नर्सिंग होम पर डीएम के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं, मरीजों के जिंदगी से हो रहा खिलवाड़, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
रजौली प्रखंड क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह खुले अवैध नर्सिंग होम में खुशी की जगह मौत बाटने का सिलसिला अनवरत जारी है। जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
NAWADA: जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह खुले अवैध नर्सिंग होम में खुशी की जगह मौत बाटने का सिलसिला अनवरत जारी है। जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। नवादा डीएम के जांच और कार्रवाई के बावजूद इन मौत के सौदागरों पर कानूनी कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं। रजौली के सिरदला रोड, बाईपास और सती स्थान के समीप दर्जनों अवैध नर्सिंग होम धड़ल्ले से बिना निबंधन के जारी है और इन नर्सिंग होम में ना तो कोई दक्ष चिकित्सक हैं और ना ही कोई दक्ष नर्सिंग स्टाफ है। जिससे आये दिन इन नर्सिंग होम में खुशी के जगह मौत बाटने का सिलसिला अनवरत जारी है।
सबसे ज्यादा अवैध धंधा रजौली के पुरानी बस स्टैंड के समीप कुल्ला मुहल्ले में शिव माहतो के अंडरग्राउंड मकान में संचालित एक अवैध नर्सिंग होम में हो रहा है। इस नर्सिंग होम के संचालक बसंती देवी पिता हरि चौधरी है। वे सिरदला प्रखंड के चौकिया पंचायत के मुरली गांव निवासी है। वे अशिक्षित और अप्रशिक्षित महिला है ,जो बिना नर्सिंग होम का बोर्ड लगाकर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है। जिससे इस अवैध नर्सिंग होम में कभी प्रसूता तो कभी नवजात शिशु के मौत हो जा रहा है। यह अप्रशिक्षित नर्स का मुख्य धंधा गर्भपात कराना है। बिना प्रशिक्षण और साधन -संसाधन के बड़ा ऑपरेशन और बच्चेदानी की ऑपरेशन भी कर देती है ,जिससे कई मरीजों की मौत भी हो गयी है। ऐसे दर्जनभर से अधिक अवैध नर्सिंग होम रजौली में संचालित है ,जिनके खिलाफ स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार, जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी(सिविल सर्जन), पुलिस महानिदेशक पटना समेत अन्य जगहों पर लिखित आवेदन देकर इनपर कार्रवाई की मांग किया है। आवेदक फुलवा देवी ,निकिता कुमारी, विनोद साव, राजो माली, मीना देवी, अविशिष प्रसाद, भूषण सिंह ,विनीता चौधरी समेत दर्जनों महिला पुरुष कार्रवाई की मांग किया है। जिसपर जिलाधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने का आदेश भी दिया,बावजूद अबतक कोई कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद है।
नाम बदलकर दूसरा नर्सिंग होम खोल देते ये अवैध संचालक : जब कोई नवजात , प्रसूता या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित रोगी की मौत इन नर्सिंग होम में हो जाता है, तो सबसे पहले उस नर्सिंग होम के संचालक शटर बंद कर फरार हो जाते हैं और जैसे ही मामला ठंढे बस्ते में चला जाता है, तो वैसे ही फिर सक्रिय होकर किसी दूसरे जगह पर एक और नया नाम से फिर नर्सिंग होम खोल देते हैं।
अवैध नर्सिंग होम में मरीजों को लाने के एवज में मिलती मोटी कमीशन : अवैध नर्सिंग होम तक मरीजो को पहुँचाने के लिए क्षेत्र में कई दलाल सक्रिय है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक मरीज को नर्सिंग होम तक पहुँचाने वाले दलाल को 5 हजार से 7 हजार तक कि मोटी रकम कमीशन के रूप में दिया जाता है। इन अनैतिक कार्यो में कई बार अस्पताल में कार्यरत आशा और नर्स का भी नाम जुड़ता रहा है।
बिना निबंधन और साधन -संसाधन के अभाव में चली जाती है मरीज की जान : रजौली में संचालित बसंती देवी के नर्सिंग होम के अलावे दर्जनों नर्सिंग होम ऐसे हैं ,जो बिना साधन -संसाधन के चल रहे हैं। जिससे कई मरीजो की जान जा चुकी है। बिहार में नर्सिंग होम खोलने के लिए क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लागू कर दिया गया है। इस एक्ट के तहत तमाम नर्सिंग होम को एक्ट के अधीन जिला रजिस्ट्रेशन प्राधिकार के तहत पंजीकरण कराना होगा। जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार में डीएम अध्यक्ष और सिविल सर्जन संयोजक होते है, लेकिन बिना निबंधन के दर्जनों नर्सिंग होम धड़ल्ले सेखुलेहुएहैं।
नवादा से सुनील कुमार की रिपोर्ट