मुख्यमंत्री नीतीश के शासनकाल में बिहटा बना औद्योगिक हब, 350 से अधिक स्थानीय लोगों को मिला प्रत्यक्ष रोजगार

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहटा के सिकंदरपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सबसे पहले आरके शर्ट्स यूनिट के निर्माण केन्द्र का निरीक्षण किया। साथ ही, यहां तैयार किये जा रहे विभिन्न किस्म के शर्ट्स के निर्माण कार्यों को देखा और कार्यरत् महिलाओं से बातचीत कर पूरी व्यवस्था की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री नीतीश के शासनकाल में बिहटा बना औद्योगिक हब, 350 से अधिक स्थानीय लोगों को मिला प्रत्यक्ष रोजगार

PATNA : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहटा के सिकंदरपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सबसे पहले आरके शर्ट्स यूनिट के निर्माण केन्द्र का निरीक्षण किया। साथ ही, यहां तैयार किये जा रहे विभिन्न किस्म के शर्ट्स के निर्माण कार्यों को देखा और कार्यरत् महिलाओं से बातचीत कर पूरी व्यवस्था की जानकारी ली। 

यहां निर्माण कार्य में लगी महिलाओं ने मुख्यमंत्री को शर्ट्स के निर्माण कार्य कटिंग एवं स्टिचिंग आदि के बारे में बताया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने डीवी रंजन बैग कलस्टर द्वारा तैयार की जा रही बैग की निर्माण इकाई को देखा। इस दौरान वहां कार्यरत लोगों ने मुख्यमंत्री को बैग के निर्माण की पूरी प्रक्रिया तथा निर्मित बैग को दिखाया। निर्मित बैग को मुख्यमंत्री ने देखा और उसकी प्रशंसा की। साथ ही निर्माण कार्य में लगे लोगों का उत्साहवर्द्धन किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड इरैडिएशन सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान पैकेज हाउस, कोल्ड स्टोरेज का जायजा लिया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। वहां कार्यरत लोगों से इरैडिएशन प्रोसेस तथा उत्पादों के सेफ्टी और साफ-सफाई के संबंध में मुख्यमंत्री ने जानकारी ली।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि इस इंडस्ट्रीयल एरिया में कई औद्योगिक इकाइयां उत्पादों का निर्माण कर रही हैं। राज्य के युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा उनमें उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत की गई है जिसके तहत यहां सभी वर्गों के लोग उद्यम की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपना रोजगार शुरू कर रहे हैं। राज्य में उद्योग के लिए अनुकूल माहौल है और राज्य सरकार उद्यमियों को हर प्रकार की सुविधा मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि हमलोग राज्य में औद्योगिक इकाइयों को लगाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति बनाई गई है, जिसमें निवेशकों की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। यहां अलग-अलग प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले विभिन्न प्रकार के उत्पादों के निर्माण कार्य में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की औद्योगिक इकाई के स्थापित होने से आसपास के लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे एवं उन्हें आर्थिक रूप से मदद मिलेगी जिससे इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। हम युवाओं को रोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

ज्ञातव्य है कि आरके शर्ट्स यूनिट में वर्तमान में 180 से अधिक स्थानीय युवक-युवतियां कार्यरत हैं, जो मशीन संचालन, डिजाइनिंग, सिलाई एवं पैकेजिंग जैसे कौशल कार्यों में संलग्न हैं। भविष्य में यह यूनिट लगभग 1200 कर्मियों को रोजगार देगी। आर०के० शर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 2024 में शर्ट निर्माण हेतु 37,056 वर्ग फुट में फैला शेड नंबर बी0-1 आवंटित किया गया था। अप्रैल 2025 से इस यूनिट में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है।

डीवी रंजन बैग क्लस्टर हस्तनिर्मित, कैनवास, एवं कॉर्पोरेट गिफ्टिंग बैग्स के निर्माण में संलग्न है। यह इकाई महिला नेतृत्व वाले उद्यम का उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी महिलाएं हैं। इन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों एवं स्थानीय एन०जी०ओ० के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है। यह क्लस्टर प्रतिदिन 500 से अधिक बैग्स का उत्पादन करता है, जिन्हें भारत के विभिन्न बाजारों में आपूर्ति की जाती है। 58.15 करोड़ की लागत से निर्मित अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड इरैडिएशन सेंटर को फलों, सब्जियों, मसालों, हर्बल उत्पादों, मांस एवं मछली जैसी कृषि उत्पादों की शेल्फ-लाइफ बढ़ाने, सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं निर्यात की दृष्टि से तैयार करने हेतु स्थापित किया गया है।

 यह केंद्र 3000 केसीएल क्षमता के कोबाल्ट 60 विकिरण स्रोत से सुसज्जित है, जिसमें 4000 मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोरेज, 4000 मीट्रिक टन का ड्राई वेयरहाउस एवं प्रति घंटे 2 मीट्रिक टन की प्रसंस्करण क्षमता वाला निर्यात पैक हाउस मौजूद है। यह तकनीक वैश्विक फाइटोसेनिटरी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करती है, जिससे रासायनिक उपचार की आवश्यकता के बिना बिहार के उत्पाद सीधे निर्यात के लिए उपयुक्त हो जाते हैं।

अब तक इस केंद्र से लीची एवं जर्दालु आम का सफलतापूर्वक यूएई और कतर जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात हो चुका है। इसके अतिरिक्त हाल ही में 'गिफ्ट फ्रॉम बिहार' पहल के अंतर्गत 2,000 से अधिक प्रीमियम जर्दालु आम के बॉक्स राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अतिथियों को उपहार स्वरूप भेजे गए हैं। इस केंद्र में 100 से अधिक स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार दिया गया है, जो अब सीधे कृषि-निर्यात आपूर्ति श्रृंखला में योगदान दे रहे हैं।

इन तीनों इकाइयों से 350 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है, जिनमें अधिकांश स्थानीय समुदायों से हैं। ये प्रयास समावेशी विकास को बढ़ावा देते हैं। विशेषकर महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण उद्यमिता, एवं राज्य में कुशल कार्यबल के निर्माण के माध्यम से। राज्य सरकार एमएसएमई विकास, कृषि नवाचार और आर्थिक आत्मनिर्भरता को लेकर प्रतिबद्ध है।

निरीक्षण के दौरान सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव  मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम, उद्योग विभाग के निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार, सहित अन्य वरीय अधिकारीगण तथा आरके शर्ट्स यूनिट, डीवी रंजन बैग कलस्टर एवं इंटीग्रेटेड इरैडिएशन सेंटर के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।