शराबबंदी क़ानून क़ो लेकर हाई कोर्ट नें सुनाया बड़ा फ़ैसला, शराब से जुड़े एक मामले में आरोपी क़ो 1 लाख देने का आदेश...

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. जिसके तहत राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी है. वहीँ अब इसे लेकर पटना हाई कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है. हाई कोर्ट ने शराब जब्ती के एक मामले में एक आरोपी को एक लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है.

शराबबंदी क़ानून क़ो लेकर हाई कोर्ट नें सुनाया बड़ा फ़ैसला, शराब से जुड़े एक मामले में आरोपी क़ो 1 लाख देने का आदेश...

PATNA: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. जिसके तहत राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी है. वहीँ अब इसे लेकर पटना हाई कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है. हाई कोर्ट ने शराब जब्ती के एक मामले में एक आरोपी को एक लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है. औऱ साथ ही यह तय कर दिया गया है हर कार्रवाई में शराब के साथ गाड़ी को जब्त नहीं किया जा सकेगा. दरअसल, एक मामले में हाई कोर्ट में दायर रिट में यह फैसला आया है.

बता दें कि, शराबबंदी कानून के अनुसार अगर बाइक सवार किसी व्यक्ति के पास से शराब बरामद की जाती है तो बाइक को जप्त कर लिया जाता है. वहीँ इसे लेकर हाई कोर्ट ने कहा है कि हर परिस्थिति में यह सही नहीं है. अगर किसी बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति अपने पास शराब छुपा कर ले जाता है और वह गाड़ी का मालिक नहीं है तो ऐसी स्थिति में मोटरसाइकिल को जप्त या राज्यसात नहीं किया जा सकता.

इसके साथ ही इस आदेश में कहा गया है कि गाड़ी को ड्राइव करने वाला व्यक्ति भी उसका ओनर नहीं होना चाहिए. मतलब अगर कोई  किसी अन्य व्यक्ति की बाइक लेकर बैग या झोले में शराब के साथ पकड़ा जाता है तो उस गाड़ी का जब्त कर लेना सही नहीं होगा. वहीँ न्यायमूर्ति पी बजंथ्री और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया. साथ ही इस मामले में मोटरसाइकिल की मालकिन सुनैना की ओर से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी. उस मामले  पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गोपालगंज के डीएम और समाहर्ता को मोटरसाइकिल के ओनर को मुआवजा के तौर पर 1 लाख भुगतान करने का आदेश दिया है. इस भुगतान क़ो अदा करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है.