भारत सेवाश्रम संघ गया मनाने जा रहा शताब्दी समारोह, तीन दिनों तक चलेगा कार्यक्रम

गोरख पीठ का भारत सेवाश्रम संघ गया जी शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है। इस मौके पर देश के विभिन्न राज्यों स्थित आश्रम और मठों से संत,अनुयायी शरीक होंगे। यही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यगोगी नाथ के आने की भी संभावना संघ की ओर से जताई गई है। शताब्दी वर्ष को लेकर भारत सेवाश्रम संघ में जबरदस्त उत्साह है।

भारत सेवाश्रम संघ गया मनाने जा रहा शताब्दी समारोह, तीन दिनों तक चलेगा कार्यक्रम

GAYA: गोरख पीठ का भारत सेवाश्रम संघ गया जी शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है। इस मौके पर देश के विभिन्न राज्यों स्थित आश्रम और मठों से संत,अनुयायी शरीक होंगे। यही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यगोगी नाथ के आने की भी संभावना संघ की ओर से जताई गई है। शताब्दी वर्ष को लेकर भारत सेवाश्रम संघ में जबरदस्त उत्साह है। अभी से ही विभिन्न राज्यों स्थापित आश्रमों के स्वामियों ने गया जी आना शुरू कर दिया है।

भारत सेवाश्रम के मुख्य सचिव दिल्ली के स्वामी विश्वात्मानन्द महाराज ने बताया कि 1924 में गया में भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना स्वामी प्रणवानन्द की द्वारा की गई। इसी शहर में स्वामी प्रणवानन्द के गुरु स्वामी गम्भीर दास ने साधना की थी। इस वजह से गया जी महत्ता गोरखनाथ पीठ की बढ़ जाती है। भारत सेवाश्रम संघ अपने उद्देश्यों को पूरा करने में जुटा है। इस वर्ष नवम्बर में गया जी भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे।

इस बात को लेकर संघ का हर एक साधक और अनुयायी में उल्लास है। उनके इस उल्लास को देखते हुए संघ ने शताब्दी वर्ष मनाने का निर्णय लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि 30 नवम्बर को गया शहर में शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इस शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में मठ से जुड़े सन्यासी, साधक, योगी व आदिवासी भाग लेंगे।  सन्यासी, साधक और योगी देश के विभिन्न राज्यों से आएंगे और शोभा यात्रा की शोभा बढाएंगे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जाएंगे। वहीं 1, 2 और 3 दिसम्बर को धर्म और शिक्षा सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन में देश भर के सन्यासी, संत, योगी, साधक प्रतिभाग करेंगे। कार्यकम में वरिष्ठ राजनेता भी शरीक होंगे और अपनी बात रखेंगे। इस मौके पर स्वामी भास्करानन्द महाराज आल इंडिया सेक्रेटरी गोरख मठ दिल्ली, स्वामी आत्मानन्द दिल्ली, स्वामी ध्यानेशानन्द, स्वामी सत्य मित्रांन्द जम्मू  और निषेत्सानन्द गोरखपुर मौजूद रहे।

गया से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट