डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में बिहार देश में अव्वल, 90% से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हुए पेपरलेस

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के क्रियान्वयन में बिहार ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। राज्य में शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में 92% ओपीडी पंजीकरण अब ऑनलाइन हो रहे हैं, वहीं मरीजों की जांच के लिए क्यूआर कोड स्कैन की संख्या भी सबसे अधिक है। यह उपलब्धि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में बिहार देश में अव्वल, 90% से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हुए पेपरलेस
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PATNA : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के क्रियान्वयन में बिहार ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। राज्य में शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में 92% ओपीडी पंजीकरण अब ऑनलाइन हो रहे हैं, वहीं मरीजों की जांच के लिए क्यूआर कोड स्कैन की संख्या भी सबसे अधिक है। यह उपलब्धि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस सफलता के केंद्र में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत ‘स्कैन एंड शेयर’ पहल है, जिसमें मरीज स्वास्थ्य संस्थान के प्रवेश द्वार पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर सीधे परामर्श के लिए जा सकते हैं, जिससे लंबी कतारों और कागजी प्रक्रिया की झंझट समाप्त हो गई है। इस सरल लेकिन क्रांतिकारी कदम और आभा आईडी की व्यापक स्वीकृति से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अब परामर्श से लेकर दवा लेने तक में कुल समय मात्र 45 मिनट के लगभग ही लगता है जो पहले एक घंटे से भी अधिक था। 

इस डिजिटल परिवर्तन के प्रभाव और पैमाने को समझने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर आए नौ सदस्यीय राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय, पटना स्थित अत्याधुनिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का दौरा किया। वहां राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासनिक पदाधिकारी श्री राजेश कुमार ने बताया कि कैसे राज्य की भव्या योजना, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अनुरूप, पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवा की सुलभता और गुणवत्ता की परिभाषा बदल रही है।

राजधानी पटना स्थित यह कमांड सेंटर राज्य के सभी जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों से रियल-टाइम फीड प्राप्त करता है, जिससे त्वरित अलर्ट, अनुपालन निगरानी और सभी स्तरों पर सुचारु संचालन सुनिश्चित होता है। इस प्रणाली को जिला स्तरीय कमांड सेंटरों और डाटा एनालिटिक्स यूनिट्स का भी समर्थन प्राप्त है, जिससे संभावित स्वास्थ्य आपात स्थितियों की पहचान और प्रबंधन वास्तविक समय में संभव हो पाता है।

नालंदा के सिलाव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनिधिमंडल द्वारा किए गए क्षेत्रीय दौरे में मरीजों ने इस नई डिजिटल प्रक्रिया की सुविधा और प्रभावशीलता की पुष्टि की, और बताया कि यह पूर्व की जटिल प्रणाली की तुलना में पूरी तरह से परिवर्तित और सरल है।

बिहार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सीईओ श्री शशांक शेखर सिन्हा ने मीडिया को बताया कि राज्य न केवल ओपीडी पंजीकरण हेतु क्यूआर कोड स्कैन में अग्रणी है, बल्कि सबसे अधिक इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (ई-प्रिस्क्रिप्शन) तैयार करने में भी देश में शीर्ष पर है। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार को केंद्र सरकार की डिजिटल हेल्थ इंसेंटिव स्कीम के तहत सर्वाधिक प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है, जिसका उपयोग राज्य की डिजिटल स्वास्थ्य अधोसंरचना को और मजबूत करने में किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डिजिटल मिशन और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत की गई सशक्त पहलों के माध्यम से बिहार ने यह सिद्ध किया है कि रणनीतिक डिजिटल अपनाने और जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन के ज़रिये सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक कुशल, समावेशी और उत्तरदायी बनाया जा सकता है।