शहीद मनीष का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव पांडे गंगौट, सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

कारगिल में ड्यूटी के दौरान शहीद जवान मनीष कुमार (27वर्ष) का शव शनिवार को पटना से सुबह नवादा पुलिस लाइन एंबुलेंस से पहुंचा, जहां से सैन्य वाहन से पार्थिव शरीर शहीद को पैतृक गांव पांडेय गंगौट लाया गया है। दोपहर बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद का पार्थिव शरीर जिस रास्ते से लाया जा रहा था, वहां जगह-जगह पर लोग तिरंगा लेकर श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े थे।

शहीद मनीष का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव पांडे गंगौट, सैन्य सम्मान के साथ  दी गई अंतिम विदाई

NAWADA : कारगिल में ड्यूटी के दौरान शहीद जवान मनीष कुमार (27वर्ष) का शव शनिवार को पटना से सुबह नवादा पुलिस लाइन एंबुलेंस से पहुंचा, जहां से सैन्य वाहन से पार्थिव शरीर शहीद को पैतृक गांव पांडेय गंगौट लाया गया है। दोपहर बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद का पार्थिव शरीर जिस रास्ते से लाया जा रहा था, वहां जगह-जगह पर लोग तिरंगा लेकर श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े थे।

रास्तों में पुष्पवर्षा और भक्ति गीतों पूरा माहौल देश भक्ति के रंग में रंग गया था। लगभग 500 की संख्या में मोटरसाइकिल सवार तिरंगे लेकर नारे लगाते चल रहे थे। इससे पहले शुक्रवार को पार्थिव शरीर पटना पहुंचा। यहां डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, नवादा सांसद विवेक ठाकुर, गोविंदपुर विधायक मोहम्मद कामरान  समेत अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।

ड्यूटी के दौरान गिरे, इलाज के दौरान हुई थी मौत : मनीष कुमार कारगिल में ऑपरेशन रक्षक में बतौर नर्सिंग स्टाफ तैनात थे। नवादा डीएम रवि प्रकाश ने बताया कि ड्यूटी के दौरान 14 मई की सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे गिर गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सेना ने 15 मई को मनीष के शहीद होने की जानकारी उनके घरवालों को दी थी। सेना ने मनीष को शहीद का दर्जा दिया है। 

06 मार्च को हुई थी मनीष की शादी : 2025 में ही 06 मार्च को मनीष की शादी धूमधाम से हुई थी। कुछ दिन गांव में बिताने के बाद वह वापस अपनी ड्यूटी पर चले गए। जिसके बाद 15 मार्च को शहादत की खबर आयी। उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद पत्नी खुशबू सदमे में हैं। खुशबू का कहना है पति की शहादत बेकार नहीं जानें दूंगी, मैं भी सेना में जाना चाहती हूं। पत्नी ने बताया कि मनीष उनसे वादा कर के गए थे कि जल्द लौटूंगा।

चार भाइयों में सबसे छोटे थे मनीष : मनीष चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके दो भाई भी भारतीय सेना में हैं। एक उत्तराखंड में तो दूसरा गया जिले में तैनात हैं। शहीद के पिता अशोक राम ने बताया कि पहले हमें जानकारी दी गई कि मनीष बेहोशी की हालत में ड्यूटी के दौरान गिर गये हैं और जब उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया तो इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई है।

पत्नी से जल्द लौटने का वादा किया था : शहीद मनीष जब शादी के बाद वापस ड्यूटी लौट रहे थे तब जल्दी लौटूंगा का वादा कर गए थे।  शहीद की पत्नी खुशबू कुमारी ने कहा कि मैं भी चाहती हूं कि मुझे भी सरकार सेना में नौकरी दे। मैं सेना में नौकरी करना चाहती हूं। उन्होंने कहा मनीष से आखिरी बार मंगलवार 13 मई को मेरी बातचीत हुई थी। वीडियो कॉल पर उन्होंने कहा था कि वो जल्द ही मुझसे मिलने आएंगे। 

अंतिम संस्कार में शामिल हुए कई दिग्गज : शहीद को श्रद्धांजलि देने नवादा सांसद विवेक ठाकुर, नवादा विधायक विभा देवी, एमएलसी अशोक यादव, गोविंदपुर विधायक मोहम्मद कामरान, महेशडीह निवासी इंजीनियर गणेश सिंह चंद्रवंशी, अभय किशोर चंद्रवंशी, जितेंद्र पंडित, डॉ. केपी सिंह, जीवन लाल चंद्रवंशी, हम नेता लवकुश कुमार चंद्रवंशी, राजद नेत्री रेणु सिंह, मुकेश विद्यार्थी, नवादा डीएम रवि प्रकाश, एसपी अभिनव धीमान, एसडीओ चंद्रशेखर प्रसाद, डीएसपी हुलास कुमार, डीएसपी महेश चौधरी समेत जिले के दर्जनों पुलिस पदाधिकारी पहुंचे। 

भारत माता के सपूत को दी गई अंतिम सलामी : सेना के जवानों ने शहीद मनीष कुमार को अंतिम सलामी दी। पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। हजारों लोग जनसैलाब बनकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए। शहीद के सम्मान में लोगों ने तिरंगा लहराया और पूरे रास्ते शहीद मनीष अमर रहें और भारत माता की जय के नारों से धरती-आसमान गूंजता रहा।

नवादा से सुनील कुमार की रिपोर्ट