पूसा में बनेगा गन्ना का अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च सेंटर

पूसा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का गन्ना शोध संस्थान बनाया जाएगा। इसकी स्थापना को लेकर विभागीय स्तर पर कवायद तेज कर दी गई है। यह जानकारी मंगलवार को गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने दी। वे विकास भवन सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मंत्री ने विभाग की तरफ से बनाए गए ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का शुभारंभ किया। इस एप की मदद से गन्ना किसानों को कई तरह की सेवाएं दी जा रही हैं।

पूसा में बनेगा गन्ना का अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च सेंटर

PATNA : पूसा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का गन्ना शोध संस्थान बनाया जाएगा। इसकी स्थापना को लेकर विभागीय स्तर पर कवायद तेज कर दी गई है। यह जानकारी मंगलवार को गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने दी। वे विकास भवन सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मंत्री ने विभाग की तरफ से बनाए गए ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का शुभारंभ किया। इस एप की मदद से गन्ना किसानों को कई तरह की सेवाएं दी जा रही हैं।

इस मौके पर मंत्री ने बताया कि इस नए एप के जरिए किसानों को गन्ना की खेती से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। उन्हें उन्नत खेती के गुर बताए जाएंगे। गन्ना की खेती में किस महीने में कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए, किस तरह के रोग होने पर कौन सी दवाईयों का इस्तेमाल करना चाहिए, कौन से यंत्र अपनाने से लागत में कमी लाई जा सकती है, किस तरह के मौसम आने पर कौन से खाद देने हैं, सिंचाई प्रबंधन कैसे करना और कचरा प्रबंधन कैसे करना है, ऐसी तमाम बातों की समुचित जानकारी दी जाएगी। 

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमारा उद्देश्य रहेगा कि गन्ना किसानों को उच्च क्वालिटी का बीज और यंत्र मिले। ताकि उनकी लागत में कमी आए और उत्पादन में इजाफा हो। ऐसी 15 चीनी मिलों में 8 चीनी मिलें हैं, जो लंबे समय से बंद रहने के कारण खराब हो रही थी। इनकी संपत्ति बियाडा को सौंप दी गई हैं। अब इनमें उद्योग लगाने की प्रक्रिया की जा रही है। गन्ना उद्योग विभाग का मुख्य उद्देश्य है कि गन्ना किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक यंत्र उपलब्ध कराए जाएं। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि लागत भी कम होगी। विभाग का यह प्रयास किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

मंत्री ने बताया कि यह रिसर्च सेंटर और डिजिटल पहल गन्ना किसानों के लिए एक नई शुरुआत है। आधुनिक तकनीकों और सरकारी सहायता के बल पर बिहार के गन्ना किसान न केवल अपनी खेती को उन्नत कर पाएंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि गुड़ इकाइयों को चलाने के लिए आवश्यक लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। इससे किसानों और उद्यमियों को विभागीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। विभागीय सचिव बी.कार्तिकेय धनजी ने कहा कि बिहार सरकार गन्ना उत्पादन और इससे संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है। हमारी प्राथमिकता है कि किसानों, निवेशकों का सुगम और पारदर्शी तरीके से लाइसेंस मिले, जिससे वे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।