सीटों के बाद छिनाया दफ्तर और बंगला तो हिसाब करने हाईकोर्ट पहुंचे पशुपति पारस, अब क्या करेंगे चिराग पासवान..?
बिहार के राजनीतिक गलियारे से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है, जहां 2024 लोकसभा चुनाव में सारी सीटें छिनाने के बाद अब दफ्तर और बंगला भी हाथ से जाने के बाद रालोजपा अध्यक्ष ने अपने भतीजे चिराग पासवान को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
PATNA: बिहार के राजनीतिक गलियारे से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है, जहां 2024 लोकसभा चुनाव में सारी सीटें छिनाने के बाद अब दफ्तर और बंगला भी हाथ से जाने के बाद रालोजपा अध्यक्ष ने अपने भतीजे चिराग पासवान को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से कोर्ट में इस मामले में याचिका दाखिल की गई है। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। आपको बता दें नीतीश सरकार ने इस दफ्तर को अब चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को आवंटित कर दिया है।
आपको बता दें कि जून महीने में नीतीश सरकार ने पशुपति पारस की रालोजपा को नोटिस जारी कर पटना वाला यह दफ्तर खाली करने को कहा था। भवन निर्माण विभाग ने बताया कि इस दफ्तर का नवीनीकरण साल 2019 से लंबित है। नियमों के अनुसार राजनीतिक दलों को दो साल के लिए कार्यालय चलाने के लिए भवन आवंटित किया जाता है। अगर इसे आगे बढ़ाना है तो पार्टियों को हर बार रिन्यू कराना होता है। पशुपति पारस की ओर से व्हीलर रोड वाले दफ्तर को एक बार भी रिन्यू नहीं कराया गया। इस कारण उन्हें भवन खाली करना पड़ा, जिसे अब चिराग पासवान की पार्टी को आवंटित कर दिया गया है।
दो दिन पहले ही चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी। भवन निर्माण विभाग के उप सचिव ने चिराग पासवान की पार्टी को यह परिसर आवंटित करने के संबंध में कार्यालय आदेश जारी किया था। आदेश के अनुसार 4 जुलाई 2024 को लोजपा (रामविलास) की ओर से पार्टी कार्यालय के आवासीय परिसर के उपयोग के लिए अनुरोध किया गया था।
आपको बता दें एनडीए के सहयोगी पशपुपति पारस की पार्टी आरएलजेपी को लोकसभा चुनाव में हुए सीट बंटवारे में एक भी सीट नहीं मिली थी। सभी 5 सीटों चिराग पासवान की लोजपा (आर) को दे दी गईं थी। जिसके चलते पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था। अब उनकी पार्टी के पास सिर्फ पटना में एक दफ्तर था। वो भी छिन गया है। जिसको लेकर उनकी पार्टी ने हाईकोर्ट का रुख किया है।