नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के जन्मदिन पर पिता लालू प्रसाद ने लिखा पत्र, कहा- काम करते रहिये... लड़ते रहिये... जीतते रहिये...

नेता प्रतिपक्ष, पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के 35वें बर्थडे पर आरजेडी सुप्रीमो और पिता लालू यादव ने पत्र लिखकर आशीर्वाद दिया

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के जन्मदिन पर पिता लालू प्रसाद ने लिखा पत्र, कहा- काम करते रहिये... लड़ते रहिये... जीतते रहिये...
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PATNA: नेता प्रतिपक्ष, पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के 35वें बर्थडे पर आरजेडी सुप्रीमो और पिता लालू यादव ने पत्र लिखकर आशीर्वाद दिया। सोशल मीडिया एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि तुम जनता के थे, जनता के हो और सदा जनता के ही रहोगे। जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो बाबू। साथ ही कहा कि बिहार के लिए काम करते रहिए, लड़ते रहिए और जीतते रहिए।

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने लिखा है कि प्रिय तेजस्वी, तुम्हारे जन्मदिन पर परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि परम पिता आपको हिम्मत, हौसला, ताक़त, सेहत, ऊर्जा, आत्मबल और अटूट इच्छा शक्ति प्रदान करे। जनसेवा के जिस पथ पर तुम चल रहे हो उस पर बिना थके, बिना झुके जनता की निरंतर सेवा करते हुए आगे बढ़ते रहो। समाजवाद की मशाल को अपने खून पसीने से रोशन करते रहें।

संविधान, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र की रक्षा और गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए सदैव तैयार रहें। आपके सारे वचन और सारी कसमें पूर्ण हों, फिर चाहे वह नौजवानों को नौकरी रोज़गार दिलाने की बात हो, स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा की बात हो, किसान और मज़दूर के हक़ की बात हो, माताओं, बहनों और दीदियों के सम्मान की बात हो। आप अपने सभी संकल्पों को हर हाल में पूरा कर पाएं यही आशा, प्रार्थना और दुआ करता हूँ।

तुम सार्वजनिक जीवन में हो, जब कभी भी तुम्हें लगे कि तुम हताश और निराश हो सीधा बिना सोचे-समझे अपने जनता मालिकों के बीच चले जाना। सदैव सकारात्मक, ऊर्जावान, प्रगतिशील, कार्यशील, अनुशासित, कर्मठ, समर्पित, चरित्रवान, सैद्धांतिक, वफ़ादार, ईमानदार और वैचारिक लोगों को तरजीह देना। फ़क्र है पिता की इन सीख सलाह पर तुम शुरू से अमल कर रहे हो। व्यक्ति पद और सत्ता से नहीं बल्कि विचार और चरित्र से बड़ा होता है। सिद्धांतहीन व्यक्ति को ना आवाम दिलों में जगह देती है और ना इतिहास और जमात!

मैं जानता हूं कि तुम जो कहते हो वो करते हो। जितना तुम काम के धुनी, कमिटमेंट के पक्के और इरादों के जिद्दी हो उतना ही बड़े-बुजुर्गों का कहावक व आदेश मानने में मुलायम।

आज पूरा बिहार तुम्हारी तरफ उम्मीद भरी नज़रों से देख रहा है उनकी सारी उम्मीदों पर खरा उतरिएगा, उनका साथ दीजियेगा उनकी शक्ति बनियेगा। संकल्पित और समर्पित भाव से सभी को साथ लेकर क़ामयाबी, तरक़्क़ी, और परिवर्तन के रास्ते पर बिहार को आगे बढ़ाने का काम करते रहिये। करते रहिये... लड़ते रहिये... जीतते रहिये... 35 वर्ष की उम्र में तुमने इतने उतार-चढ़ाव देखे हैं, बहुत कुछ सीखा और सिखाया भी है। कभी-कभार सोचता हूं कि 25 से 35 वर्ष की आयु उम्र में हम क्या थे, क्या आचार-विचार, सपने-लक्ष्य थे और अब तुम्हारा देखता हूं तो मुझे ख़ुशी और गर्व होता है।

बिहार के जन जन का जीवन यशस्वी और तेजस्वी बने इसके लिए कुल देवी-देवता तुम पर अपनी कृपा और आशीर्वाद बनाए रखें। तुम जनता के थे, जनता के हो और सदा जनता के ही रहोगे।

ढेर सारा प्यार और खूब खूब आशीर्वाद।

जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो बाबू...

पटना से इंद्रजीत कुमार की रिपोर्ट