सभी जिलों को मानकों पर कसने का पैमाना तैयार, जमीन से जुड़ी जनसुविधाओं की जमीनी स्तर पर हो रही पड़ताल

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने प्रदर्शन के आधार पर सभी जिलों को मानकों पर कसने का एक पैमाना तैयार कर रखा है। जन उपयोगी आठ प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन में कौन-से जिले अग्रणी हैं और कौन फिसड्डी हैं। इसका आकलन विभाग के स्तर से लगातार किया जाता है। विभागीय अपर मुख्य सचिव के स्तर से योजनाओं से संबंधित सभी पहलूओं की मासिक तौर पर समुचित समीक्षा की जाती है। इसके आधार पर प्रखंड, अनुमंडल और जिलों की रैंकिंग तैयार की जाती है, जिनका प्रदर्शन खराब होता है, उनके संबंधित पदाधिकारियों को आगाह किया जाता है।

सभी जिलों को मानकों पर कसने का पैमाना तैयार, जमीन से जुड़ी जनसुविधाओं की जमीनी स्तर पर हो रही पड़ताल

PATNA : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने प्रदर्शन के आधार पर सभी जिलों को मानकों पर कसने का एक पैमाना तैयार कर रखा है। जन उपयोगी आठ प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन में कौन-से जिले अग्रणी हैं और कौन फिसड्डी हैं। इसका आकलन विभाग के स्तर से लगातार किया जाता है। 

योजनाओं की मासिक समीक्षा

विभागीय अपर मुख्य सचिव के स्तर से योजनाओं से संबंधित सभी पहलूओं की मासिक तौर पर समुचित समीक्षा की जाती है। इसके आधार पर प्रखंड, अनुमंडल और जिलों की रैंकिंग तैयार की जाती है, जिनका प्रदर्शन खराब होता है, उनके संबंधित पदाधिकारियों को आगाह किया जाता है।  

समीक्षा का यह है आधार 

राजस्व संबंधित कार्यों जैसे म्यूटेशन, परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा-2, आधार सीडिंग, एडीएम कोर्ट, डीसीएलआर कोर्ट, ई-मापी और कलेक्टर कोर्ट जैसे पैमानों पर प्रदर्शन के आधार पर बांका जिले ने बाजी मारी है। वहीं, शेखपुरा ने दूसरा स्थान हासिल किया है। पूर्वी चंपारण (तीसरा), जहानाबाद (चौथा) और बक्सर ने (पांचवां) स्थान हासिल किया है। 

इसके लिए इतने अंक निर्धारित

जिलों की रैंकिंग के लिए प्रत्येक योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर इसकी मार्किंग की जाती है। अलग-अलग योजनाओं के लिए विभिन्न अंक निर्धारित किए गए हैं।

1. दाखिल- खारिज का पर्यवेक्षण : 25 अंक 

2. ⁠ परिमार्जन प्लस का पर्यवेक्षण : 25 अंक 

3. ⁠अभियान बसेरा 2 : 20 अंक 

4. ⁠आधार सीडिंग की स्थिति : 5 अंक 

5. ⁠एडीएम कोर्ट : 2.5 अंक 

6. ⁠डीसीएलआर कोर्ट : 2.5 अंक 

7. ⁠ई-मापी : 10 अंक 

8. ⁠डीएम कोर्ट : 10 अंक

सरकारी भूमि सत्यापन रिपोर्ट

सरकारी भूमि सत्यापन रिपोर्ट के मामले में शेखपुरा अव्वल है। यहां 96.40 प्रतिशत प्लॉट वेरिफाइड हैं। दूसरे स्थान पर लखीसराय है, जहां 94.21 प्रतिशत प्लॉट वेरिफाइड हैं। तीसरे स्थान पर पश्चिम चंपारण (91.51 प्रतिशत), चौथे पर अरवल (88.19 प्रतिशत) और पांचवें पर बक्सर (88.04 प्रतिशत) का स्थान काबिज है। वहीं, अप्रैल महीने में रैंकिंग के आधार पर बांका को 100 अंक में 65.52 अंक प्राप्त करते हुए पहले स्थान पर है। इस बार शेखपुरा एक पायदान खिसकर दूसरे स्थान पर आ गया है। उसे 64.61 अंक मिले हैं। इनके बीच पूर्वी चंपारण ने लंबी छलांग लगाते हुए 22वें पायदान से सीधे तीसरे स्थान पर पहुंच गया। 

सरकारी भूमि का दाखिल-खारिज

इस श्रेणी के अंतर्गत शीर्ष के पांच जिलों में पूर्वी चंपारण अव्वल है। यहां 62.98 प्रतिशत मामलों का डिस्पोजल हो चुका है। वहीं, दूसरे स्थान पर सुपौल है, जहां 54.39 प्रतिशत मामलों का निपटारा हुआ है। वहीं, तीसरे स्थान पर रोहतास है, जहां 53.04 प्रतिशत मामलों का निष्पादन हुआ है। चौथे स्थान पर अरवल का नाम शुमार है, जहां 50 फीसदी मामलों का डिस्पोजल हुआ है। पांचवें स्थान पर मुंगेर (49.45 प्रतिशत) है। बड़ी बात यह है कि अररिया, बक्सर, लखीसराय, सहरसा और सीतामढ़ी में अबतक डिस्पोजल की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।