गरीब बेटियों को नीतीश सरकार की बड़ी सौगात, बिहार की सभी पंचायतों में बनेगा कन्या विवाह मंडप

“मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना” के तहत राज्य के सभी 8053 ग्राम पंचायतों में विवाह मंडप का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पंचायत के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान पंचायती राज विभाग के स्तर से मुहैया कराया जाएगा। इनका संचालन और रख-रखाव का दायित्व ग्राम स्तरीय संगठन की तरफ से किया जाएगा। इसके लिए मंत्रिमंडल ने 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह जानकारी राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मंगलवार को सूचना भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रि परिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगी। इस बैठक में कुल 46 प्रस्तावों पर मुहर लगी।

गरीब बेटियों को नीतीश सरकार की बड़ी सौगात, बिहार की सभी पंचायतों में बनेगा कन्या विवाह मंडप

PATNA : “मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना” के तहत राज्य के सभी 8053 ग्राम पंचायतों में विवाह मंडप का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पंचायत के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान पंचायती राज विभाग के स्तर से मुहैया कराया जाएगा। इनका संचालन और रख-रखाव का दायित्व ग्राम स्तरीय संगठन की तरफ से किया जाएगा। इसके लिए मंत्रिमंडल ने 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह जानकारी राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मंगलवार को सूचना भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रि परिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगी। इस बैठक में कुल 46 प्रस्तावों पर मुहर लगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों को जीविका दीदी की रसोई से मात्र 20 रुपये में भोजन की थाली उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा पहले चरण में सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से शुरू की जाएगी। इसके बाद इसका विस्तार सभी अस्पतालों में किया जाएगा।  

उन्होंने कहा कि अब पंचायत स्तरीय संस्थाओं की शक्ति का विस्तार किया गया है। मनरेगा के तहत अब 5 लाख के स्थान पर 10 लाख रुपये तक की योजनाओं का काम करवा सकते हैं। साथ ही पंचायत स्तरीय प्रतिनिधियों के मानदेय में डेढ़ गुणा तक की बढ़ोतरी की गई है। अगर किसी पंचायत प्रतिनिधि का पद पर रहते हुए निधन हो जाता है, तो उन्हें भी 5 लाख रुपये तक का अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा। यह व्यवस्था पहली बार राज्य में लागू की गई है। त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों को इसका लाभ मिलेगा।   

इसके अलावा अब ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद जैसी त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग से प्राप्त 15 लाख रुपये तक की योजनाओं को विभागीय तौर पर क्रियान्वित कर सकेगी। सामाजिक सुरक्षा के तहत राज्य में संचालित की जा रही सभी छह पेंशन योजनाओं की राशि में ढाई गुणा वृद्धि के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस संवाददाता सम्मेलन में राज्य के विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत और मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ मौजूद थे। 

 सामाजिक सुरक्षा पेंशन में की गई वृद्धि की राशि का भुगतान जून महीने से किया जाएगा। बता दें कि बिहार में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी कुल छह पेंशन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इनमें तीन योजनाएं केंद्र सरकार के सहयोग से चल रही हैं। जबकि तीन योजनाएं बिहार सरकार अपने खर्च पर चला रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि पूर्व में इन पेंशन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को 400 से 500 रूपये की राशि दी जाति थी। जिसे अब बढ़ाकर 1100 रुपये कर दी गई है।

मुख्य सचिव ने कहा कि जीविका दीदी को बैंक से मिलने वाली ऋण राशि में 3 लाख से बढ़ोतरी करते हुए 10 लाख रुपये कर दी गई है। यह ऋण इन्हें 7 फीसदी के ब्याज पर मिलेगा। 10 लाख 834 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 1 करोड़ 35 लाख महिलाओं को इससे खासतौर से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में हुई जाति आधारित जनगणना में 94 लाख ऐसे निर्धन परिवार सामने आए थे, जिनका जीवन स्तर काफी नीचे है। इनके उत्थान के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्मी योजना चलाई गई थी। परंतु इसके क्रियान्वयन में देरी हो रही है। इसके मद्देनजर अब राज्य सरकार ऐसे परिवारों को दो-दो लाख रुपये प्रदान करेगी, ताकि वे छोटा-मोटा स्वरोजगार कर सकें। इसकी समुचित मॉनीटरिंग के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी इन परिवारों तक राशि का वितरण तेजी से करने की मॉनीटरिंग करेगी।

अंतरराज्यीय मार्गों पर एसी एवं नॉन एसी बसों का होगा परिचालन : अंतरराज्यीय मार्गों पर बसों के परिचालन के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अन्य राज्यों के साथ पारस्परिक समझौते के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिम बंगाल के कामगारों को बिहार सरकार यात्रा की सुगम सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अलावा अंतरराज्यीय मार्गों पर बसों के परिचालन के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि कामगारों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार ने 74 नॉन एसी (डिलक्स) और 75 एसी (डिलक्स) बसों की खरीद के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है।

कुल 74 नॉन एसी बसों की खरीद के लिए बसों की खरीद पर प्रति बस 68 लाख रूपये की दर से परिवहन निगम को 50.32 करोड़ रुपये के सहायक अनुदान की मंजूरी प्रदान की गई है। जबकि 75 एसी बसों के लिए परिवहन निगम को 55.50 करोड़ रुपये के सहायक अनुदान की मंजूरी की गई है। उल्लेखनीय है कि बिहार के कामगारों को पर्व-त्योहार के मौके पर देश के अन्य राज्यों से अपने घर आने में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। एस सिद्धार्थ ने बताया कि अंतरराज्यीय मार्गों पर बसों के परिचालन के लिए लोक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत निजी बस ऑपेरेटरों को कुल 150 नई एसी बस (44 सीटर स्लीपर) की खरीद पर प्रति बस 20 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि निजी बस ऑपेरेटर को उपलब्ध करने का फैसला लिया गया है।